काठमांडू,
संसद में विश्वासमत गंवाने के कुछ दिन बाद केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। ओली को बृहस्पतिवार को इस पद पर फिर से नियुक्त किया गया, जब विपक्षी पार्टियां नयी सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहीं। इससे 3 दिन पहले वह विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को पीएम के तौर पर दावेदारी रखने के लिए सदन में पर्याप्त मत मिलने की उम्मीद थी। उन्हें सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष ‘प्रचंड’ का समर्थन प्राप्त था, लेकिन ओली के साथ अंतिम वक्त में माधव कुमार के रुख बदलने से देउबा का पीएम बनने का सपना टूट गया। ओली को 30 दिन में विश्वास मत हासिल करना होगा।
‘ईश्वर’ शब्द का नहीं किया उल्लेख
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने ओली (69) को शीतल निवास में एक समारोह में नेपाल के 43 वें प्रधानमंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। समारोह के दौरान ओली के मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ओली और उप प्रधान मंत्री ईश्वर पोखरेल ने ईश्वर शब्द का जिक्र नहीं किया, जबकि राष्ट्रपति भंडारी ने इसका उल्लेख किया। ओली ने कहा, ‘मैं देश और लोगों के नाम पर शपथ लूंगा।’ जबकि राष्ट्रपति ने ‘ईश्वर, देश और लोगों’ का उल्लेख किया था। पुराने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है।