उत्तरकाशी:कोविड-19 के बढते कहर के बीच विश्वप्रसिद्ध हिमालयी धाम यमुनोत्री के कपाट 6 माह के शीतकालीन अवकाश के बाद सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में खोले गए। यहां पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। शनिवार 15 मई को गंगोत्री धाम के कपाट मिथुन लग्न में सुबह 07:30 पर पूरे विधि-विधान से साथ खोले जाएंगे। केदारनाथ मंदिर के कपाट 17 मई को और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खुलेंगे।कपाट खुलने के दौरान इस साल भी श्रद्धालु मौजूद नहीं रहे। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है। पिछले साल भी केवल तीर्थ पुरोहित और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ही धाम के कपाट खुले थे। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में सवा बारह बजे विधिवत पूजा-अर्चना के साथ यमुनोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों, बडकोट के उपजिलाधिकारी चतर सिंह तथा तीर्थ पुरोहितों सहित कुल 25 लोगों की मौजूदगी में यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी की ओर से की गई। यमुनोत्री धाम के पुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से यमुनोत्री में पहली पूजा के लिए 1101 रुपये की धनराशि दी गयी जिसे चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा यमुनोत्री मंदिर समिति के खाते में स्थानांतरित किया गया।
previous post