Home विविधासाहित्य ●खरी-खरी….☆अशोक वशिष्ठ

●खरी-खरी….☆अशोक वशिष्ठ

by zadmin

●खरी-खरी
बरसाओ अपनी कृपा , पवन पुत्र हनुमान।

विपदा हर लो हे प्रभु , सुखी रहे इंसान। ।

सुखी रहे इंसान , पड़ी है विपदा भारी।

लील रही जनता को , कोरोना बीमारी ।।

जन-जन है भयभीत , उसे भयमुक्त बनाओ।

कोरोना हो भस्म , कृपा अपनी बरसाओ ।।
☆अशोक वशिष्ठ 

You may also like

Leave a Comment