Home विविधासाहित्य खरी-खरी…☆ अशोक वशिष्ठ

खरी-खरी…☆ अशोक वशिष्ठ

by zadmin

● खरी-खरी
रहना हमको चाहिए , हर तरह से लैस।

टीका इंजेक्शन कहो , या ऑक्सीजन गैस।।

या ऑक्सीजन गैस , न गफलत कोई होवे।

बिन इलाज के कोई , अपनी जान न खोवे।।

लापरवाही का फल, पड़ रहा सबको सहना।

विपदा का यह काल , सजग सबको है रहना।।

☆ अशोक वशिष्ठ 

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