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खरी-खरी…..●अशोक वशिष्ठ

by zadmin

●खरी-खरी
करिए प्रभु से प्रार्थना,  माँगो यह वरदान।
हे प्रभु! रक्षा कीजिए , जग का हो कल्यान।।

जग का हो कल्यान , पड़ी है विपदा भारी।

मेहर करो भगवान , रहे न कोई दुखारी।।

अपना रखिए ध्यान , सुरक्षित घर में रहिए।

रोग करे विस्तार , काम मत ऐसे करिए।।
●अशोक वशिष्ठ

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