2022 में दहाई अंक की वृद्धि प्राप्त करेगा भारत -पुनीत रंजन-डेलॉइट
मुंबई:उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग, व्यापक पैमाने पर कोविड टीकाकरण, व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में बढ़ाते विश्वास और सरकार के द्वारा उठाये गए सुधार मूलक कदमों के कारण भारत 2022 में दहाई अंकों का वृद्धि दर प्राप्त कर सकता है. यह विचार डेलॉइट के ग्लोबल चीफ पुनीत रंजन ने कही. वह अर्थशास्त्र सम्मेलन में 10 हजार से अधिक अर्थशास्त्र और वाणिज्य छात्रों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था में मौद्रिक तरलता विद्यमान है और लगातार किये जा रहे आर्थिक सुधारों के कारण भारतीय बाजार कमजोर नहीं हुआ है. उसमें गतिशीलता है. इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमबद्ध सुधार का अनुमान लगाया जा सकता है,
पुनीत रंजन ने आगे कहा कि महामारी से पहले भी, बहुत से लोग इस शताब्दी को “इंडियन सेंचुरी ” होने की भविष्यवाणी कर रहे थे, जिसमें भारत , भविष्य की विकसित हो रही तकनीकों,विशाल स्थानीय बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देने की वजह से केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। भारत में उभरती प्रतिभाओं के रूप में अविश्वसनीय पूंजी मौजूद हैं। कुशल भारतीय टेक्नीशियन द्वारा चलाई जा रहीं भारत में आईटी सर्विस देने वाली कंपनियाँ और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स – न सिर्फ ग्लोबल ऑपरेशंस का सहज संचालन सुनिश्चित करते हैं, बल्कि डिजिटल, साइबर सुरक्षा और एनालिटिक्स के साथ कदम बढ़ाते हुए उनको वैल्यू प्रदान करते हैं। एक मुश्किल साल में, यह सही मायने में ग्लोबल एंटरप्राइज के साथ भरोसेमंद बिजनेस पार्टनर्स के महत्व को रेखांकित करता है।
अगले दशक में, भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी होगी . भविष्य की नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,क्लाउड और साइबर जैसी तकनीकों पर फोकस करेंगी – उसके लिए इन स्किल्स की जरूरत होगी।आगे का रास्ता बिल्कुल स्पष्ट है – विदेशी निवेश को आकर्षित करने तथा अधिक आर्थिक असमानता से बचने के लिए, भारत को युवा प्रतिभाओं का अधिकतम इस्तेमाल व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक मजबूत शुरुआत है। इसके साथ ही विदेशी निवेश के साथ, देश के खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्युटिकल, रक्षा, अंतरिक्ष, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.डेलॉइट,$5 ट्रिलियन जीडीपी की अर्थव्यवस्था बनने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को साकार करने के लिए भारत के साथ काम कर रहा है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य सिर्फ प्रमुख सेवा उद्योगों के सहयोग से हासिल किया जा सकता है जो परिपक्व अर्थव्यवस्था के निर्माण और उसको बनाए रखने के लिए जरूरी है.