Home आँगनरहन सहन लॉकडॉउन से हमने क्या सीखा- आनंदश्री

लॉकडॉउन से हमने क्या सीखा- आनंदश्री

by zadmin


-हर घटना कुछ सबक सिखाने आता है हमे पारंगत बनाने आता है।

हर घटना अपने साथ संदेश लाती है या यूं कहें एक घटना दुसरे घटना की तैयारी होती है। जब हम सजगता से जीते है तो हर घटना का अर्थ और सबक समझ मे आ जाता है।
*लॉकडॉउन ने क्या सिखाया*

सदी की इस घटना ने बहुत कुछ सिखाया। कई नए शब्द, नायब सिस्टम, सामना का सामना करना सिखाया। जाने अनजाने में हम भारतीयों ने बहुत कुछ सिख लिया।


*ऑफ लाईन से ऑनलाईन आ गए

*कोरोना तथा लॉकडॉउन के पहले भी ऑनलाईन जैसी सुविधा थी। लेकिन सर्वाधिक भारतीयों ने इस तंत्र का जम का फायदा उठाया। छोटे छोटे बिजनेस, स्कूल की प्रणाली, सामाजिक कार्य, अवार्ड फंक्शन आदि सब कुछ ऑन लाईन तथा वर्चुअल होने लगे। इस आभासीय दुनिया मे भी हमारे वास्तविक दुनिया के काम होने लगें।


*लॉकडॉउन ने हमे फ्लेक्सिबल बना दिया

*सन 2020 के पहले जिस जिस चीजों के हम आदि थे वह सब 2020 में छूट गया। जीने का नया  तरीका हमे लॉकडॉउन ने सीखा दिया। जो मिला तो ठीक, जो ना मिला तो भी कोई मुश्किल नही।हम परोस्थिति को स्वीकारते चले गए। बिल्कुल पानी की तरह बना दिया। जिंदगी और पानी की अछि बात है कि यह चलती रहती है। 


*रिसेट*

महामारी के पहले हम एक ढर्रे की जिंदगी जी रहे थे। लॉकडॉउन ने  हमारे सोच को, विचार को, मान्यता को तथा पुराने काम  करने के तरीके को रिसेट कर दिया।
*सजग होकर  जीना सिखाया*

एकांतवास में जाकर हमे सजगता और अवेयर में जीना सिखाया। रूपांतरण का पहला क्रम सजगता से शुरू होता है। सदी के इस बीमारी ने हमे अनुशासन के साथ जीना, तीन सूत्र के साथ साथ अवेयर रहना सिखाया।
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*कुछ टूट गए तो कुछ ने रिकॉर्ड तोड़ दिया

। इसी लॉकडॉउन ने इतिहास रचा। चारो तरफ नकारात्मक घटना में सकारात्मक रहना सिखाया। एक दूसरे को मदद करते हुए नई बीमारी में भी आगे बढ़ाना सिखाया। 
*अपने आप से जोड़ दिया*

अपने आप पर हमें इतना काम ( डीप सोच ) करने मिला। अपने सोर्स, ईश्वर , प्रकृति से एक रहना सिखाया। 
माना यह एक बुरा ख्वाब है। नकारात्मक माहौल है। लेकिन इससे भी हम बहुत कुछ सीख कर आगे बढ़ सकते है। कुछ नया कर सकते है। अपने आप को रूपांतरण कर सकते है। यही समय है अपने आप को नए रूप में ढालने का। 
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री

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