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● खरी-खरी……•••○☆अशोक वशिष्ठ

by zadmin

● खरी-खरी
मंगलमय नवदिवस हो, मंगलमय नववर्ष। 

जीवन में नित हर्ष हो, सदा रहे उत्कर्ष।।

सदा रहे उत्कर्ष, हुआ जो उसे विसारें।

 सत्कर्मों से आने, वाला समय संवारें।।

सदा करें सत्प्रयत्न, हार में भी खोजें जय।

दुख और सुख का मेल, बने जीवन मंगलमय।।

••••••••••••••••••○☆अशोक वशिष्ठ

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