खरी-खरी
लाॅकडाउन फिर से लगा , पब्लिक है हैरान।
बंद सभी बाज़ार हैं , बंद सभी दूकान ।।
बंद सभी दूकान , आदमी सब कुछ हारा।
काम नहीं तो किस विधि, होगा यहाँ गुज़ारा।।
कोरोना ने दुखी , कर दिया है सबका मन।
कैसे मिले निजात , लगा फिर से लाॅकडाउन।।
अशोक वशिष्ठ