ठाणे :
ठाणे में मार्च महीने से कोरोना ने कहर मचा रखा है। आलम यह है कि शहर के अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड भी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन इन सभी के बावजूद लगता है कि ठाणे मनपा और स्वास्थ्य विभाग नींद में है। क्योंकि अब तक पोखरण क्रमांक 2 पर वोक्ट्स कंपनी की जगह पर 1000 बेड का अस्पताल अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जबकि इस अस्पातल का टेंडर भी निकाला गया था लेकिन समय पर काम न शुरू होने के कारण अब टेंडर रकम में भी 10 करोड़ रूपए की बढ़ोतरी हुई है और कुल खर्च 23 करोड़ रूपए तक पहुँच गया है.
आपको बतादें कि मार्च 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना का ठाणे में दस्तक देने के बाद अप्रैल, मई, जून और जुलाई में इसका पिक आवर चल रहा था और अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी के कारण और अस्पतालों में सुविधा भी नहीं मिल रही थी. जिसके चलते मरीजों का मृत्यु दर भी बढ़ गया था. इन परिस्थितियों पर मात देने के लिए पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने 25 जून, 2020 को ठाणे के पोखरण क्रमांक 2 पर वोल्टास कंपनी की जगह पर एक हजार बेड का अस्पताल बनाये जाने की घोषणा की थी.
इस अस्पताल में ऑक्सीजन बेडस, नॉन ऑक्सिजन बेडस, डायलिसिस सेंटर, आयसीसीयू बेडस, वेंटिलेटर आदि की सुविधा उपलब्ध कराया जाने वाला था. इसके लिए अगस्त 2020 में निविदा भी निकाली गया थी. जोकि शुरुवाती दौर में इस काम की कुल लागत 13 करोड़ रूपए थी. इस दौरान कुछ जन प्रतिनिधियों ने इस काम में बड़ा भ्रष्ट्राचार होने का आरोप लगाया था. जिसके कारण कामों की शुरुवात नहीं हो पाई थी. लेकिन अब इसी काम के लिए मात्र आठ महीने के अंतराल में 10 करोड़ रूपए खर्च बढ़ गया इसका लगत 23 करोड़ रूपए तक चला गया है. लेकिन अभी तक उक्त अस्पताल में किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.सिडको द्वारा बनाया जाने वाला था अस्पताल मनपा सूत्रों की माने तो यह अस्पताल सिडको द्वारा बनाया जाने वाला था और इसके बाद ठाणे मनपा को सौंपा जाना था. हलांकि अस्पताल में अन्य जरूरी सुविधाएं जैसे पाने की आपूर्ति सहित अन्य काम मनपा को करना था. लेकिन इसके बावजूद अब तक यह अस्पताल बनकर तैयार नहीं हो पाया है. अस्पताल को तत्काल शुरू करने की मांग मनसे के जनहित व विधि विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर ने उक्त अस्पताल को तत्काल शुरू करने की मांग सिडको और ठाणे मनपा प्रशासन से किया है. महिंद्रकर का कहना है कि वर्तमान समय में ठाणे महानगर पालिका की सिमा में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे है. प्रतिदिन एक हजार के करीब नए कोरोना के मरीज मिल रहे है. साथ ही मृत्यु वृद्धि हो रही है. जोकि ठाणे कर वासियों के लिए चिंता का विषय है. वहीँ शहर के निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी किसी में भी बेड्स मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है. ऐसे में प्रशासन को आगे आकर ठाणे करों के लिए स्वास्थ्य सुविधा को मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए लेकिन ऐसा न करके जो प्रस्तावित अस्पताल है वह भी वेंटिलेटर पर है. महिंद्रकर ने चेतावनी दिया है कि यदि जल्द ही अस्पताल शुरू नहीं किया तो मनसे को आंदोलन तीव्र आंदोलन करना पड़ेगा।
23 करोड़ खर्च करने पर भी पोखरण कोविड अस्पताल वेंटिलेटर पर
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