ठाणे में बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों का मामला गरमाया
ठाणे 1 अप्रैल:ठाणे में बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों का मामला फिर गरमा गया है। सामाजिक संस्था स्वाभिमान संगठन के ठाणे अध्यक्ष विजय त्रिपाठी ने शहर के सभी कोविड ,नॉन कोविड अस्पतालों के फायर एनओसी की जांच की मांग की है तथा बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों को सील कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग मनपा आयुक्त और मुख्य अग्निशमन अधिकारी से की है। संगठन ने चेतावनी दी है की यदि नियमो की अनदेखी करने वाले अस्पतालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गयी तो उनकी तरफ से मनपा मुख्यालय में तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
पता हो कि जब कहीं किसी अस्पताल में आगजनी की घटना होती है तो ठाणे के अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर मामला गरमा जाता है। शहर के 60 फीसद अस्पतालों के पास अग्नि सुरक्षा को लेकर कोई उपाय योजना नहीं होने की बात कुछ दिनों पहले सामने आयी थी , ऐसे में कई अस्पताल मरीजों के लिए खतरा बने हैं। इन अस्पतालों में आगजनी के दौरान बड़ी घटना की आशंका बनी है। त्रिपाठी के मुताबिक अस्पतालों को साल में दो बार फायर ब्रिगेड की एनओसी लेना जरुरी है लेकिन यह आदेश महज कागजपत्रों में सिमट कर रह गया है। मनपा प्रशासन के बार-बार निर्देश के बावजूद निजी अस्पताल अग्नि सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद मनपा के अग्निशमन विभाग द्वारा कोई कड़क कार्रवाई नहीं की जाती है।
त्रिपाठी का आरोप है की विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं होने से अस्पताल मालिक मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे है और सालो से मामला इसी तरह चल रहा है। पता हो की नियम का पालन न करने वालों के ख़िलाफ 22 फरवरी के बाद कार्रवाई शुरू करने की बात अग्निशमन विभाग ने की थी लेकिन महीने भर का समय बीतने के बावजूद आगे कुछ नहीं हुआ। इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर गिरीश झलके का कहना है कि नोटिस जारी होने के बाद 317 अस्पतालों में से 241 ने संबंधित कागजपत्र जमा किया है और शेष भी जल्द करेंगे। झलके के अनुसार अवैध निर्माणों में चल रहे अस्पतालों का मसला लंबित हुआ है।