Home अर्थमंचबिजनेस स्टैंप ड्यूटी की मौजूदा छूट को 12 महीने तक बढ़ाने की मांग 

स्टैंप ड्यूटी की मौजूदा छूट को 12 महीने तक बढ़ाने की मांग 

by zadmin

मुंबई, 26 मार्चः महाराष्ट्र में 1800 से अधिक रियल एस्टेट डेवलपर्स के अग्रणी संगठन क्रेडाई MCHI ने राज्य के राजस्व मंत्री  बालासाहेब थोरात को व्यक्तिगत रूप से मिल कर एक पत्र दिया है, जिसमें राज्य सरकार से स्टैंप ड्यूटी की मौजूदा छूट को 12 महीने तक बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक करने का आग्रह किया गया है। इसके लिए संगठन ने घर खरीदारों के रूझान और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में बड़ी संख्या में वृद्धि होने के फायदे पर जोर दिया है और साथ राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिलने और टैक्स संग्रह होने की बात भी कही है। स्टैंप ड्यूटी में कटौती से हुए इन सभी फायदों से एक सकारात्मक प्रभाव निर्माण हुआ है, जिससे रियल एस्टेट उद्योग को महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया में एक अग्रणी भूमिका निभाने में मदद मिली है।

क्रेडाई ने सरकार के समर्थन की सराहना करते हुए यह माना है कि राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर को दोबारा से पटरी पर लौटने में मदद मिली है, खासकर मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में काफी फायदा हुआ है। क्रेडाई के सुझाव, कोरोना महामारी द्वारा राज्य के लोगों एवं संभावित घर खरीदारों के बीच पैदा हुई अस्थिरता के मद्देनजर पेश किये गये हैंसंगठन का यह मानना है कि कम स्टैंप ड्यूटी शुल्क को थोड़े लंबे वक्त तक बरकरार रखे जाने से रियल एस्टेट क्षेत्र में जारी अच्छी बिक्री के सिलसिले को बरकरार रखा जा सकेगा, जहां पिछले 6 महीनों में रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन देखने मिले हैं।

क्रेडाई MCHI के प्रेसिडेंट श्री दीपक गोरादिया ने कहा, “इस महामारी के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए रियल एस्टेट उद्योग को सक्षम बनाने हेतु राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिए हम राजस्व मंत्री श्री बालासाहेब थोरात के निर्णायक एवं दूरगामी दृष्टिकोण के लिए उनकी भरपूर सराहना करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 6 महीनों में रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन एवं घर खरीदारों का मनोबल उठाने में मदद मिली है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए, हमने महाराष्ट्र से यह अनुरोध किया है कि स्टैंप ड्यूटी की मौजूदा छूट को अगले 12 महीने तक के लिए बढ़ाया जाए। ऐसा होने पर इस क्षेत्र का मौजूदा सकारात्मक माहौल बरकरार रह सकेगा और इस पर निर्भर 250 से अधिक सहायक उद्योगों को भी राहत मिलेगी, जिससे अधिक रोजगार निर्माण एवं अर्थव्यवस्था में तेज़ी आएगी।”

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