Home मुंबई-अन्य गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने के लिए आयोग का गठन होगा

गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने के लिए आयोग का गठन होगा

by zadmin

गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने के लिए आयोग का गठन होगा 

विशेष संवाददाता

 मुंबई : महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को मंत्रालय  की सातवीं मंजिल पर  हुई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  सरकारी निवास ‘वर्षा ‘ से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा में इस बैठक में उपस्थिति दर्ज़ कराई। इस बैठक में कांग्रेस के अशोक चव्हाण, बालासाहब थोरात, शिवसेना के सुभाष देसाई, अनिल परब, एनसीपी के जयंत पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, जीतेन्द्र अव्हाड  आदि शामिल हुये। करीब तीन घंटे तक चली इस मंत्रिमंडल की बैठक में  गंभीर आरोपों से जूझ रहे गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने पक्ष को भी रखा । रश्मि शुक्ला के राज्य  गुप्तचर विभाग में प्रमुख रहने के दौरान  पुलिस अधिकारियों, मंत्रियों, नेताओं  के फोन टैपिंग हुई थी इसमें  निहित जानकारियों के अब  बाहर आ जाने से मचे हड़कंप का प्रभाव इस बैठक में  छाया रहा । विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस  फ़ोन टैपिंग को  गुप्तचर विभाग द्वारा मौखिक अनुमति लेने के बाद ही  किये जाने की बात मीडिया में कही थी।  इसका कुछ ही हिस्सा मीडिया में उजागर करने के बाद यह भी कहा था कि यह काल डेटा रिकॉर्ड ६. ३ जीबी का है और इसमें बहुत संवेदनशील जानकारियां हैं इसमें कई बड़े पुलिस अधिकारियों सहित अन्य के नाम है इसलिए इस सीडीआर को मीडिया इस फोन टैपिंग में मोटी रकम लेकर पुलिस अधिकारियों को मनचाहा तबादला देने के बारे में बातचीत होने की बात का खुलासा फडणवीस ने करके महाराष्ट्र की १२ करोड़ जनता में ही नहीं बल्कि देश भर में  हड़कंप मचा दिया है । फडणवीस ने दिल्ली  जाकर इस  फ़ोन टैपिंग से मिली जानकारियों की ट्रांसक्रिप्ट को  बंद लिफ़ाफ़े में गृह सचिव को सौंपकर इस मामले की सीबीआई जाँच की मांग की है जिस पर उन्हें यह आश्वाशन दिया गया है कि इस सीडीआर की जाँच करके योग्य कार्यवाई की जायेगी।  दरअसल सरकार में शामिल पार्टियों के लोगों द्वारा आशंका  यह भी जतायी जा रही है कि इस फ़ोन टैपिंग में सिर्फ पुलिस अधिकारियों के तबादले संबंधी ही जानकारियां नहीं है बल्कि कई अन्य सनसनी खेज जानकारियां भी  निहित हो सकती हैं। यदि उनका खुलासा  भी हो गया तो। राज्य की महाविकास  आघाड़ी सरकार के मंत्रियों का यह भी कहना है कि महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के दौरान भी नेताओं के फोन टेप किये गये हैं।  बुधवार को भी फ़ोन टैपिंग से मंत्रियों के डर खुलकर  बाहर आ गये। एक मंत्री ने कहा कि यदि हमारे फ़ोन टैप किये जायेगें तो हम काम कैसे करेंगें। मंत्रिमंडल  की करीब तीन घंटे की बैठक में कई निर्णय  लिए गये लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रियों के चेहरे पर फ़ोन टैपिंग के बारे में हुई चर्चा  ही ज्यादा गूंजी। एनसीपी के एक मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र  गुप्तचर विभाग की प्रमुख रही रश्मि शुक्ला ने गलत ढंग से फ़ोन टैप करवाये और उसके खुलासे से महाराष्ट्र की बदनामी हुई।  इस विवादित मंत्री का नाम कई  प्रकरणों में आता रहा है। वह मंत्री  यह बताना कदाचित भूल गया कि  जब गुप्तचर विभाग की  प्रमुख रही रश्मि शुक्ला ने भ्रष्टाचार के मामलों के बाहर आने पर सीआईडी की जाँच करवाने की मांग की थी तो वह क्यों नहीं की गयी। बुधवार की देर शाम  मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जयंत पाटिल , दिलीप वलसे पाटिल,अनिल देशमुख एक ही गाड़ी में साथ बैठकर वर्षा में मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में  शामिल होने के लिये गये। लटका हुआ चेहरा लिये और असमंजस में दिख रहे अनिल देशमुख को जिस तरह गाड़ी में बैठने को कहा गया उन भाव भंगिमाओं ने प्रत्यक्ष दर्शियों को बहुत  कुछ बिना कहे ही  ज़ाहिर कर दिया।  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ उनके सरकारी आवास  ‘वर्षा ‘पर हुई देर रात इस  महत्वपूर्ण  बैठक में  उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल , गृहमंत्री अनिल देशमुख सहित तीनो पार्टियों के प्रमुख मंत्रियों की बैठक में  गंभीरता से  चर्चा हुई और इसमें यह तय किया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ डीजी परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये आरोपों की जाँच के लिए एक आयोग गठित किया जाये इस आयोग के  प्रमुख के तौर पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को  नियुक्त किया जायेगा। यह आयोग जल्द ही गठित किया जायेगा।  मुख्यमंत्री  की इस बैठक में गुप्त जानकारियों के बाहर आ जाने के मामले में ”अज्ञात” व्यक्ति के खिलाफ  मामला दर्ज़ किये जाने का भी निर्णय लिया गया।  इस तरह सरकार ने गुप्तचर विभाग के प्रमुख रही रश्मि शुक्ला के प्रति नरमी दिखाई है। ऐसी जानकारी  भी मिली है।  १०० करोड़ रुपये बीयर बार मालिकों, होटलों एवं अन्य जगहों से वसूलने को गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाज़े को कहा था ऐसा डीजी  परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जो ”लेटर बम ” फोड़ा था।  परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की लेकिन बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायलय में जाने के लिए कहा। इस पूरे  प्रकरण का भंडाफोड़ करने से  विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की साख और कद दोनों बढ़ा है।  बुधवार को महाराष्ट्र में जारी इन आरोपों  से जुड़े सभी घटनाओं की रिपोर्ट सरकार से मंगाने का निवेदन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  से मुलाकात करके  विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने की थी ।  गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित  सरकार में  शामिल पार्टियों के कुछ प्रमुख मंत्री और  नेता राज्यपाल से मुलाकात करेंगें ।          

You may also like

Leave a Comment