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क्या शरद पवार को अनिल देशमुख ने धमका दिया – भाजपा

by zadmin

क्या शरद पवार को अनिल देशमुख ने धमका दिया – भाजपा 

विशेष संवाददाता

मुंबई:महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा एक सहायक निरीक्षक सचिन वाजे को प्रति माह बीयर बारों , होटलों एवं अन्य तरह से सौ करोड़ रुपये वसूलने की बात महाराष्ट्र के डी जी परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कही गयी है। इसके बाद इस मामले पर हड़कंप मचा हुआ है। परमबीर सिंह की तरफ से मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने का विरोध करते हुये और अनिल देशमुख के खिलाफ सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी। वैसे मुंबई पुलिस आयुक्त पद  से तबादला करके होम गॉर्ड महकमें के डीजी बनाये गये परमबीर सिंह ने सोमवार को अपने कार्यालय जाकर अपना नया पदभार संभाल लिया। वहीं शरद पवार ने जहां रविवार को पत्रकारों को इस मामले को गंभीर बताया था और कहा था कि इस बारे में जो भी कार्रवाई है वह मुख्यमंत्री करेंगे ,वहीं  सोमवार को शरद पवार,गृहमंत्री का बचाव करते नज़र आये और अपने तर्क को काटे जाने पर पत्रकारों से दिल्ली में बात करने के दौरान उखड़ पड़े। भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने मुंबई में  शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने २४ घंटे में ही अपना रवैया बदल लिया क्या शरद पवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख ने धमकी दे दी। 

 दिन भर मुंबई मंत्रालय से लेकर मुख्यमंत्री के सरकारी निवास वर्षा तक ही नहीं बल्कि दिल्ली तक यह मामला गर्म रहा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भले आमिर खान के साथ उनके पानी फाउंडेशन कार्यक्रम में वर्षा बंगले में घंटे भर डटे रहे शाम को अन्य बैठक भी की लेकिन गृहमंत्री के इस्तीफे के बारे में जिस  खबर की सब इंतज़ार कर रहे थे वह नहीं आयी। 

वहीं डी जी परमबीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र से हुये खुलासे पर दिल्ली में  संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। मुंबई की सांसद पूनम महाजन ने कहा कि महाराष्ट्र में तीन पहिये की  सरकार चल रही है। जिसका तालमेल नहीं बैठ रहा है एक डीजी स्तर के अधिकारी  सवाल उठा रहे हैं कि महाराष्ट्र में एक सहायक पुलिस निरीक्षक को 100 करोड़ रुपये महीने वसूली करने का टारगेट दिया  जा रहा है। 100 करोड़ रुपये महीने मतलब 1200 करोड़ रुपये साल। यानि एक सहायक पुलिस निरीक्षक से पांच साल में 6000 करोड़ रुपये का टारगेट है। सोचिये  एनसीपी के गृहमंत्री ( महाराष्ट्र के ) ऐसे कितने सहायक पुलिस निरीक्षक से पैसे वसूलना चाहते होंगें।      

  अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने भी उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया घर के सामने जिलेटिन पाए जाने और इससे जुड़े  मामले में आरोपी सचिन वाज़े की गिरफ्तारी के मामले को उठाया। सांसद नवनीत रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर मामले  के मुख्य आरोपी मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वजे की तरफदारी करने का आरोप लगाया। सांसद नवनीत राणा ने कहा कि जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार थी तब शिवसेना अध्यक्ष  उद्धव ठाकरे ने उन्हें फोन कर दोबारा पुलिस सेवा में लेने  की सिफारिश की थी। आखिर 16 साल से निलंबित एक पुलिस वाले की  सिफारिश उद्धव ठाकरे क्यों कर रहे थे। इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। हंगामा बढ़ने के बाद शिवसेना के सांसदों ने लोकसभा से बहिर्गमन कर दिया। इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में इस मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री वसूली कर रहे हैं और ये सारा देश देख रहा है। 

लोकसभा में मध्य प्रदेश के जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए।  ये पहली बार है जब किसी  सहायक पुलिस निरीक्षक के समर्थन में मुख्यमंत्री ने पत्रकार परिषद की। उसी सहायक पुलिस निरीक्षक को 100 करोड़ रुपए वसूलने का लक्ष्य  दिया गया था। सदन में हंगामे के बीच शिवसेना के विनायक राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सरकार को गिराने की कोशिश लंबे समय से चल रही है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही सच सामने आ जाएगा। वहीं दूसरी तरफ  केंद्रीय राज्यमंत्री  रामदास आठवले ने भी डीजी परमबीर सिंह के पत्र का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है और कहा है कि परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये आरोपों की तह तक जाँच हो। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था के मामले पर  जनता का विश्वास उड़ गया है इसलिये राज्य सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये। नवनीत रवि राणा ने शिवसेना के दक्षिण मुंबई के  सांसद अरविंद सावंत पर  सदन के बाहर धमकी देने का आरोप भी लगाया है। महाराष्ट्र के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री  अनिल देशमुख के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गए हैं और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की सीबीआई जाँच की मांग की है।  इसलिये  गृहमंत्री अनिल देशमुख की वकालत करनेवाले तथा सदैव बचाव करनेवाले अब तो महाराष्ट्र की आबरू रखें और तत्काल अनिल देशमुख का गृहमंत्री पद से इस्तीफ़ा लें।  

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