हाथ में अंगूठे के नीचे का पूरा क्षेत्र जीवन रेखा अथवा आयु रेखा से घिरा रहता है। यह पूरा क्षेत्र शुक्र पर्वत है। हस्तरेखा में शुक्र क्षेत्र बहुत भी प्रभावशाली और जीवन को प्रभावित करने वाला माना गया है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार व्यक्ति के हाथों में शुक्र पर्वत जितना श्रेष्ठ होता है, व्यक्ति उतने ही सुंदर और सभ्य होते हैं। ऐसे व्यक्ति का स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है। ये लोग साहसी और बहुत ही हिम्मत वाले होते हैं। जिन लोगों के हाथों में शुक्र पर्वत नहीं होता अथवा बहुत अधिक दबा हुआ होता है वे लोग दब्बू और कायर स्वभाव के होते हैं।
इसी तरह शुक्र पर्वत का अधिक उभरा हुआ होना भी हस्तरेखा विज्ञान में अच्छा संकेत नहीं है। जिन लोगों के हाथों में शुक्र पर्वत अत्यधिक उभरा हुआ होता है वे भोगी और विपरीत लिंग के प्रति बहुत अधिक लालायित रहते हैं। जिन लोगों के हाथों में शुक्र पर्वत बिल्कुल भी नहीं होता वे सांसारिक बंधनों से दूर, स्वयं में रमे रहने वाले साधु-सन्यासी जैसे जीवन को जीने वाले होते हैं। ऐसे लोगों को गृहस्थ जीवन में कोई रुचि नहीं होती। जिन लोगों का शुक्र पर्वत पूरी तरह से विकसित हो,लेकिन मस्तिष्क रेखा संतुलित ना हो तो ऐसे लोग प्यार एवं भोग में बदनामी पाते हैं। ऐसे लोगों के प्रेम में वासना अधिक होती है।व्यक्ति के हाथों में शुक्र पर्वत का उभार उसे तेजस्वी बनाता है। ऐसे लोगों के चेहरे के आकषर्ण से व्यक्ति आकर्षित हुए बिना नहीं रह पाते। ऐसे लोग अपने काम और जिम्मेदारी को अच्छी से निभाते हैं और उसके प्रति सजग रहते है। ऐसे लोगों को सुंदर और कलात्मक चीजों से स्नेह रहता है। यदि व्यक्ति की हथेली खुरदरी होती है और शुक्र पर्वत अधिक विकसित हो तो व्यक्ति भी भोगी प्रवृत्ति का होता है।
सभ्य और सुन्दर होते हैं शुक्र पर्वतवाले
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