पवई के जय भीम नगर के 650 बेघर परिवारों के लिए आश्रय की व्यवस्था करें।
मुंबई, @nirbhaypathik: विधानमंडल के चल रहे मानसून सत्र के दौरान शनिवार को पवई क्षेत्र के जय भीम नगर में झोपड़ियां तोड़े जाने का मामला उठाते हुए नाना पटोले ने कहा कि 6 जून की रात पुलिस कार्रवाई में जय भीम नगर के 650 गरीब, पिछड़े वर्ग के परिवारों को बेघर कर दिया गया है। आज ये सभी परिवार सड़कों पर हैं। पिछड़े वर्ग के इन लोगों को पुलिस और मुंबई नगर निगम प्रशासन के माध्यम से गलत कार्रवाई कर बेघर कर दिया गया है । कोर्ट के आदेश के मुताबिक साल 2011 तक के झोपड़पट्टियों को संरक्षित किया गया है और मानसून के दौरान इन बस्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने इन झोपड़ियों को क्यों तोड़ा? पुलिस ने बच्चों, महिलाओं को पीटा, इसका जिम्मेदार कौन है ? क्या यह सरकार बिल्डर हीरानंदानी का समर्थन कर रही है? सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही सरकार को यह बताना चाहिए कि जिन 650 परिवारों को सड़क पर ला दिया गया है उन्हें कहां रखा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है कि 1 जून से सितंबर तक झुग्गियों पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। यदि इस आदेश का उल्लंघन होता है तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। मुंबई नगर निगम ने बेघरों के लिए आश्रय स्थल बनाए हैं। संबंधित वार्ड अधिकारियों को इन लोगों को वहां रहने का प्रबंध करना चाहिए।