विशेष संवाददाता
मुंबई,@nirbhaypathik : विधानमंडल मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को विधान भवन में भाजपा के नेता एवं उच्च तंत्र शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। वहीं फडणवीस और उद्धव की भी लिफ्ट वाली मुलाकात हुई। एक तरफ फडणवीस उद्धव ठाकरे का आगमन होने पर चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे का स्वागत किया। स्वागत करने के बाद चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना के नेता अनिल परब का अग्रिम रूप से अभिनंदन किया। वहीं दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे दोनों एक लिफ्ट में गए तो उनमें संवाद भी हुआ जिससे राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। एक तरफ चंद्रकांत पाटिल और उद्धव की मुलाकात दूसरी तरफ फडणवीस और उद्धव का लिफ्ट में साथ जाना राजनीतिक अटकलों की शुरुआत कर दी थी लेकिन भाजपा ने इस पर विराम लगा दिया है। इन मुलाकातों पर भाजपा के नेता एवं विधायक अतुल भातखलकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर कोई राजनीतिक अर्थ लगाने की ज़रूरत नहीं है। भाजपा नेता अतुल भातखलकर ने कहा कि अधिवेशन शुरू हो गया है और उद्धव ठाकरे यह विधान परिषद के सदस्य होने से एक दूसरे के सामने आ गए। आमने – सामने आ जाने पर एक दूसरे से बोलना यह यह अपनी संस्कृति है और यह राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा है। इसका कोई राजनीतिक अर्थ निकालने की ज़रुरत नहीं है। अनिल परब को चंद्रकांत पाटिल द्वारा दिए गए शुभकामना पर भातखलकर ने कहा कि कल मतदान पूरा हुआ। मतदान होने तक हमने जमकर काम किया, सामने अनिल परब मिले होते तो शुभकामना दिया होता। इसमें कुछ हट कर घटित हुआ ऐसा नहीं लगता। इसका राजनीतिक अर्थ निकालने की ज़रूरत नहीं है। भातखलकर ने कहा कि निचले स्तर पर जाकर उद्धव ठाकरे ने टिप्पणी की है। इससे यह दीखता है कि फडणवीस यह कितने बड़े दिल के नेता हैं। फडणवीस की जगह कोई दूसरा नेता होता तो वह रिएक्शन दिया होता। उद्धव ठाकरे कितने निचले स्तर तक जाकर बोले थे यह पूरे महराष्ट्र ने देखा है। फिर भी स्वयं को अपनी मर्यादा एवं सज्जनता नहीं छोड़नी रहती इसका एक उदहारण देवेंद्र फडणवीस ने दिया है। अटल जी हमेशा कहते थे कि सामने का व्यक्ति मेरा विरोधी है शत्रु नहीं। देवेंद्र फडणवीस उसी विचार पर चलने वाले नेता हैं।