महाराष्ट्र विधानमंडल में मराठा आरक्षण के लिए विधेयक मंजूर
नवीन कुमार
मुंबई,@nirbhaypathik:राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण विधेयक आज विधानमंडल में सर्वसम्मति से पारित हो गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से विधेयक पारित होने के लिए सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मराठा समुदाय के लिए दस प्रतिशत आरक्षण के लिए लिया गया यह निर्णय ऐतिहासिक, साहसिक और कानून की कसौटी पर खरा है। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या किसी अन्य समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।
मराठा समुदाय के आंदोलन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लाखों मराठाओं ने अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए धैर्य नहीं खोया है। अनुशासन नहीं टूटा। इसके लिए मैं समस्त मराठा समाज, युवाओं का आभार व्यक्त करता हूं। आज का फैसला मराठा समुदाय की जीत है, मराठा एकता की जीत है, लगातार संघर्ष की जीत है। मैं एक आम मराठा किसान का बेटा हूं। मैं समाज के दुख-दर्द से वाकिफ हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने इस दुख और पीड़ा को कम करने के लिए कई मोर्चों पर सकारात्मक प्रयास किये। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि समुदाय के लोगों को सरकार पर भरोसा रखना चाहिए और किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा।
नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों के सभी सदस्यों ने तीन दिवसीय चर्चा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा की थी। नागपुर के शीतकालीन सत्र में मैंने घोषणा की थी कि मराठा आरक्षण पर सदन की सहमति के बाद फरवरी 2024 में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर मुद्दे का स्थायी समाधान निकाला जाएगा। तदनुसार आज का दिन अमृत लेकर आया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमारी भावना है कि मराठा समुदाय को ऐसा आरक्षण मिलना चाहिए जो ओबीसी या किसी अन्य समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना कानून के दायरे में हो।