दशहरे के बाद आचार संहिता और दीवाली के बाद मतदान होने के संकेत
नवीन कुमार
मुंबई (@nirbhaypathik):महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता दशहरे के बाद किसी भी समय लागू हो सकती है और दीवाली के बाद मतदान होने के भी संकेत केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा होने जा रहा है और उससे पहले चुनाव कराकर नई विधानसभा को अस्तित्व में लाना है।
केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महिला मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और 10.17 लाख की वृद्धि बधाई का विषय है। प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 914 से बढ़कर 936 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 18 से 19 आयु वर्ग की नव पंजीकृत महिलाओं की संख्या 7.74 लाख है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव को पारदर्शी और भयमुक्त माहौल में कराने के लिए सख्त योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र के सभी मतदाताओं से इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है विशेषकर शहरी क्षेत्र के मतदाता लोकतंत्र का जश्न मनाएं और यहां मतदान प्रतिशत बढ़ाएं।
राजीव कुमार आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बाद होटल ट्राइडेंट में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, डॉ. सुखबीर सिंह संधू, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धमेंद्र शर्मा, नितेश व्यास, मनीष गर्ग, उप चुनाव आयुक्त हरदेश कुमार, अजीत कुमार, मनोज कुमार साहू, संजय कुमार, संयुक्त निदेशक अनुज चांडक एवं राज्य प्रमुख चुनाव अधिकारी एस. चोकालिंगम उपस्थित थे।
राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र में कुल 288 निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें 234 सामान्य निर्वाचन क्षेत्र, 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित और 29 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। राज्य में कुल 9.59 करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 4.95 करोड़ पुरुष और 4.64 करोड़ महिला मतदाता हैं, तो वहीं 5997 तृतीय-पक्ष मतदाता, 6.32 लाख दिव्यांग मतदाता हैं। 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 12.48 लाख है जबकि 18 से 19 आयु वर्ग के नए मतदाताओं की संख्या 19.48 लाख है। 100 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 49 हजार 34 है और चुनाव आयोग के माध्यम से बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर ही मतदान की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
राज्य में एक लाख 186 मतदान केंद्र में से शहरी क्षेत्रों में 42 हजार 585 मतदान केंद्र और ग्रामीण क्षेत्रों में 57 हजार 601 मतदान केंद्र हैं। 299 मतदान केंद्र दिव्यांग संचालित होंगे जबकि 350 मतदान केंद्र युवा संचालित होंगे। महिला मानवयुक्त मतदान केन्द्रों की संख्या 388 होगी। इस अवसर पर राजीव कुमार ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर सहायता केंद्र, दिव्यांगों के लिए शौचालय, पेयजल सहित सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की योजना है.
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बेहद दूरदराज के इलाकों में सबके घर जाकर सर्वे किया है. इसमें कटकारी, कोलम, मारिया गोंड आदिवासी समुदाय के शत-प्रतिशत मतदाता पंजीकृत हैं। साथ ही आयोग ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मतदान के लिए अतिरिक्त छुट्टी देने का निर्देश संबंधित एजेंसियों को दिया है।
मतदाता सूची में अपना नाम जांचने के लिए वीएचए ऐप और चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोई कदाचार पाए जाने पर नागरिक सी-विजिल ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। चुनाव में उम्मीदवारों की जानकारी केवाईसी (नो योर कैंडिडेट) ऐप पर उपलब्ध होगी।
राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र के 11 राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ होती है इसे ध्यान में रखते हुए आयोग अतिरिक्त सुविधाओं के साथ अधिक संख्या में मतदान केंद्रों की उपलब्धता के सुझावों पर विचार करेगा। चुनाव के दौरान धन का दुरुपयोग न हो, शराब और नशीली दवाओं के वितरण जैसे कदाचार पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने कहा है कि बैंकों के एटीएम वैन पर शाम के बाद रोक रहेगी और किसी के भी हैलीकॉप्टर की जांच की जा सकती है। केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तीन साल से एक ही पद पर रहने वाले और जिनका विधानसभा चुनाव से संबंध है ऐसे अधिकारियों का तबादला किया जाए और ऐसे अधिकारियों का भी तबादला किया जाए जो अपने गृह जिले में पदस्थापित हैं।
महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्र, जहां देश में मतदान प्रतिशत कम है, मुख्य रूप से कोलाबा, कल्याण, मुंबादेवी, पुणे जैसे इलाकों के मतदाताओं को अपने क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए। जिन लोगों ने अभी तक अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं कराया है, वे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। यह प्रक्रिया आयोग के माध्यम से जारी रहती है।