भाजपा के लिए महाराष्ट्र है ‘एटीएम’- कांग्रेस
संजीव शुक्ल
मुंबई @nirbhaypathik: लव जिहाद, वोट जिहाद इस तरह का बयान राज्य के गृहमंत्री कर रहे हैं यह अत्यंत लज्जास्पद है। यह उनका व्यक्तिगत मत नहीं है वे गृहमंत्री के तौर पर बोल रहे हैं। वोट जिहाद कहकर देवेंद्र फडणवीस ने समता के मूल्य का अपमान किया है। वे महाराष्ट्र से सार्वजनिक माफी मांगें। मंगलवार को यह कहना है कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का। गृहमंत्री के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को छत्रपति शिवाजी महाराज और उनका इतिहास नहीं पता है। महाराज की सेना में मावल के साथ मुसलमान भी थे। राज्य के गृहमंत्री लव जिहाद , वोट जिहाद ऐसा वक्तव्य कर रहे हैं यह महाराष्ट्र को शोभा देनेवाला नहीं है। लव जिहाद के मामले हो रहे हैं तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी पार्टी का एक विधायक एक धर्म को धमकी देकर महाराष्ट्र को तोड़ने का पाप कर रहा है। महाभ्रष्ट महायुति के ढाई साल की विफलता और भ्रष्टाचार छुपाने के लिए फडणवीस और महायुति की तरफ से इस तरह का धार्मिक तनाव पैदा करने का बयान दिया जा रहा है लेकिन राज्य की समझदार जनता इस झांसे में नहीं आएगी। नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र को एटीएम की तरह देखते हैं वह अपने को पैसा देनेवाली एटीएम मशीन को बचाने का अंतिम प्रयास कर रहे हैं लेकिन नरेंद्र मोदी और शाह जितनी ज्यादा बार महाराष्ट्र में आयेगें उसका फायदा महाविकास आघाडी को होगा। पटोले ने कहा कि भाजपा – शिंदे सरकार लाडली भीं योजना का बड़ा बवाल मचा रहे हैं उसके लिए विज्ञापन बाजी करके करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ महाराष्ट्र में एक साल में ६४ हजार लड़कियां , महिलाएं लापता हैं इस बारे में सरकार स्पष्टीकरण दे। सच में इस सरकार को बहनें प्यारी हैं क्या ? कि सिर्फ वोटों के लिए प्यारी बहन दिख रही है। महिला लापता मामले में विधानसभा में सवाल पूछा तो राज्य सरकार ने उसका उत्तर देना टाला। सरकार लाडली बहन कहती है और भंडारा में डिब्बे वितरण कार्यक्रम में महिलाओं पर लाठीचार्ज करते हैं। भाजपा – शिंदे सरकार महिला विरोधी है महिलाओं पर अत्याचार करने वाली सरकार है। पटोले ने कहा कि राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। यह सरकार धनाढ्यों की है। अतिवृष्टि के कारण धान. कपास , फल , सब्जियों सभी फसलों का नुकसान हुआ है। सरकार सर्वेक्षण नहीं करती। सोयाबीन को ४ हजार का भाव दिया जा रहा है। महाविकास अघाड़ी सरकार रहते हुए उस समय की विपक्ष में रहनेवाली भाजपा आंदोलन करके सोयाबीन को ६ हजार रुपये का भाव मांग रही थी। डीजल का भाव बढ़ा है। खाद का भाव बढ़ा। बीज महंगा हुआ लेकिन सोयाबीन का भाव नहीं बढ़ा। किसान संकट में है उसी के कारण युवा किसान मंत्रालय के सामने सोयाबीन डालकर विरोध और गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं।