ठाणे में पुनर्विकास परियोजनाओं के नाम पर ठगी, बिल्डरों की धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज
ठाणे @nirbhaypathik:: ठाणे में बिल्डरों द्वारा की गई धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज किए गए हैं। ये आपराधिक मामले पुनर्विकास परियोजनाओं के नाम पर की गई ठगी से संबंधित हैं। ठाणे के निवासी ऐसे धोखेबाज बिल्डरों से परेशान हो गए है। ठगी के ये मामले मध्य लेकिन पुराने ठाणे परिसर में किये गए हैं।
समाचार लिखे जाने तक इस प्रकरण में पुलिस द्वारा चार मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इनमें से एक मामले में एक कंस्ट्रक्शन कारोबारी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए अब मामले की जांच ठाणे पुलिस की वित्तीय अपराध जांच शाखा (इकोनॉमिक्स ऑफेंस ब्यूरो) को स्थानांतरित कर दी गई है।
पुराने ठाणे में नौपाड़ा, कोपरी, पांचपाखाड़ी, उथलसर, चरई और खोपट जैसे इलाके शामिल हैं। इन इलाकों में कई इमारतें 50- 60 साल से लेकर 80 – 100 साल तक पुरानी हैं और बहुत जर्जर अवस्था में पहुँच गई है। इन इमारतों के पुनर्विकास का काम अपने हाथ में लेने के लिए बिल्डरों के बीच लगातार और जोरदार प्रतियोगिता चल रही है।
बिल्डरों द्वारा धोखाधड़ी के जो मामले सामने आये हैं उनमें से एक ठाणे की बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी एमजे जोशी एंटरप्राइजेज के पार्टनर कौस्तुभ काल्के को हाल ही में नौपाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कंपनी के पार्टनर सुनील गंगाधर लिमये ने आरोप लगाया है कि काल्के ने दोनों पार्टनर्स को धोखा देने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और उन्हें बैंक और कंपनी पंजीकरण कार्यालय में जमा कर दिया। इस मामले में कामिशा सिंह और सुंदरराज हेगड़े फरार हैं जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
शहर की 16 इमारतों के पुर्नविकास का करारनामा नौपाडा पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस कंपनी ने पुराने ठाणे में कुल 16 जर्जर इमारतों में रहने वाले निवासियों के साथ भवन पुनर्विकास का करारनामा किया था। जिसमें से चार इमारतों के निवासियों ने अपने घर खाली कर दिए हैं और इन पुरानी इमारतों को कंपनी ने ध्वस्त कर दिया है। इनमें से कई निवासियों को वे जहां रह रहे हैं,उस घर का किराया नहीं मिल रहा है।
इन निवासियों ने कंपनी से धोखा खाने के बाद शिकायत दर्ज कराई और उसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है। इस प्रकरण के खुलने के बाद अब इसी तरह की ठगी के कई मामले धीरे-धीरे सामने आ रहे है। ऐसे मामलों की व्यापकता को देखते हुए ठाणे पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे ने इसे आर्थिक अपराध शाखा के तहत वर्गीकृत कर जांच का आदेश जारी किया है।