मुंबई @nirbhaypathik:साहित्यकार,कवि, शिक्षक व पत्रकार सुरेश मिश्र को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ने पुरस्कार देने की घोषणा की है।श्री मिश्र जी हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर हैं।लगभग तीन दशकों से निर्भय पथिक से जुड़े हैं।उनके द्वारा रचित खरी खरी निर्भय पथिक में प्रतिदिन प्रकाशित होताहै।दैनिक सामयिक घटनाओं पर आधारित उनकी 6 पंक्तियां पाठकों को लुभाती हैं।उनके साहित्यिक योगदान का क्षेत्र विशाल है।अच्छे मंच संचालक और राष्ट्रीय स्तर के हास्य कवि में उनकी गणना होने लगी है।अकादमी पुरस्कार के लिए उनका चयन राज्य सरकार को उत्तम निर्णय है.
साहित्य सेवा के प्रति समर्पण के लिए हास्य कवि सुरेशचंद्र मिश्र को इस वर्ष का साने गुरुजी राष्ट्रीय एकता जीवन गौरव पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इसके तहत इक्यावन हजार रुपए, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। शीघ्र ही सम्मान समारोह की तारीख घोषित की जाएगी। सुरेश मिश्र की तीन दशकों से हिंदी की समर्पित भाव से सेवा करने के कारण यह पुरस्कार दिया जा रहा है। उनकी दो-दो कविताएं महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड पुणे के पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। कक्षा नौवीं में नदी की पुकार और कक्षा छठवीं में मां-बाप से बढ़कर कोई भगवान नहीं है।जय मां दुर्गे, वीर शिवाजी, संकल्प, ज्योति जलायें, प्रदूषण है खर-दूषण, सावनी बयार जैसी तमाम पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें पं.दीनदयाल पुरस्कार, पं. वंशनारायण स्मृति आदर्श शिक्षक पुरस्कार, महापौर आदर्श शिक्षक पुरस्कार, संत तुलसीदास पुरस्कार, समाज रत्न सम्मान, आचार्य द्रोणाचार्य पुरस्कार, मंच सारथी सम्मान, विशिष्ट पत्रकारिता सम्मान, महाकवि भूषण सम्मान, शिक्षक रत्न पुरस्कार जैसे दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं। हास्य कवि सुरेश मिश्र अब तक दर्जनों टीवी चैनलों और आकाशवाणी से दर्जनों बार काव्यपाठ कर चुके हैं। दैनिक अखबार निर्भय पथिक में पिछले पच्चीस वर्षों से प्रतिदिन एक कविता प्रकाशित होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम है। उन्होंने ‘पापा तुम कहां हो’ में अभिनय भी किया है। देश भर की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में हजारों कविताएं भी प्रकाशित हो चुकी हैं। पर्यावरण पर सैकड़ों कविताएं लिखी हैं। अकादमी द्वारा पुरस्कार घोषित होते ही बधाइयों का तांता लगा हुआ है।सुरेश जी को पथिक परिवार की हार्दिक शुभकामनाए