आत्महत्या रोकने में किसानों को जागरूक करें कीर्तन-प्रवचनकार-एकनाथ शिंदे
नवीन कुमार
मुंबई,@nirbhaypathik:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि कीर्तन-प्रवचनकार किसानों की आत्महत्या रोकने में मदद करें। उन्होंने कहा कि संत-महात्मा समाज में जागरूकता लाने का काम करते हैं। कीर्तन और प्रवचन के माध्यम से भी किसानों के मन में सकारात्मक विचार लाने और उनके आत्महत्या के विचारों को बदलने का प्रयास होना चाहिए। इसके लिए कीर्तन और प्रवचनकार किसानों में जागरूकता लाने का काम करें। मुख्यमंत्री शिंदे ठाणे जिले में आयोजित श्री मलंगगड हरिनाम सप्ताह-अखंड हरिनाम सप्ताह समारोह में बोल रहे थे। शिंदे ने कहा कि किसानों के लिए सरकार की ओर से बनाई गई टास्क फोर्स का जल्द ही पुनर्गठन किया जाएगा। इस अवसर पर आचार्य प्रल्हाद महाराज शास्त्री, विश्वनाथ महाराज म्हालुंगे, चेतन महाराज म्हात्रे, दिगंबर शिवनारायणजी, विष्णुदादा मंगरुरकर, गणपत सांगू देशेकर, गोपाल चेतनजी, शंकरजी गायकर, दिनेश देशमुख, गणेश पीर और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, विधायक किसन कथोरे, विधायक गणपत गायकवाड, विधायक डॉ. बालाजी किणीकर, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता जगन्नाथ पाटिल और जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे समेत कई साधु-संत और श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यहां वारकरी भक्तों की उपस्थिति देखकर सचमुच पंढरी का माहौल बन गया है। इस पवित्र स्थान पर कोंकण के सबसे बड़े राज्य स्तरीय हरिनाम सप्ताह में रायगढ़ और ठाणे जिले से बड़ी संख्या में वारकरी भक्तों को शामिल होते देखकर बहुत खुशी हो रही है। यह आध्यात्मिक शक्ति ही है जो शाश्वत हरिनाम से भरे इस वातावरण में सब कुछ भुला देती है। हम जैसे लोग जो राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें संत महात्मा से देश और समाज के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है। इससे यह भावना जागृत होती है कि मुझे जो मिला उससे अधिक मैं देश और समाज को क्या देता हूं। इसीलिए आध्यात्मिक संस्था राजनीतिक संस्था से बेहतर है।उन्होंने कहा कि हमारे महाराष्ट्र को संतों का मार्गदर्शन और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत मिली है। संतों का सम्मान करना हमारी संस्कृति है। मराठी संस्कृति का गौरव यह वारकरी संप्रदाय जीवन की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए ईश्वर भक्ति की शिक्षा देता है। कीर्तन-प्रवचन के माध्यम से समाज को शिक्षित करते हैं। हमारे महाराष्ट्र में कीर्तनकार का महत्व बहुत अधिक है। धर्मवीर आनंद दिघे साहेब प्रत्येक हरिनाम में शामिल होते थे। अपने व्यस्त जीवन में भी वे हरिनाम के लिए समय निकाल लेते थे और हमें बताते भी थे। सही मार्ग पर बने रहने के लिए अखंड हरिनाम सप्ताह समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब के राम मंदिर निर्माण का सपना 22 जनवरी को साकार हो रहा है। इस सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। इस दिन सभी को इस उत्सव में भाग लेना चाहिए।