मराठा समाज में हैं बहुत गरीब लोग , आरक्षण देने को सरकार कटिबद्ध – मुख्यमंत्री
विशेष संवाददाता
नागपुर,@nirbhaypathik: विधानसभा में मराठा आरक्षण पर हुई चर्चा का मंगलवार को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा समाज में भी अत्यंत गरीब लोग हैं। मराठा समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से आरक्षण चाहिए। सरकार क्यूरेटिव पिटीशन यह एक आशा की किरण है। जो त्रुटि है उसको दूर करने का हमारी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं। हरीश साल्वे सहित अनेक वकीलों को नियुक्त किया है। हम मराठा समाज को कानून की हद में आरक्षण दे रहे हैं। मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए वचन दिया है। इस बारे में पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट एक महीने में आएगी। उसके बाद फरवरी 2024 को विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण देने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा समाज को यह आरक्षण बिना ओबीसी समाज या अन्य किसी को धक्का लगाए मिलना चाहिए यह अपनी भावना है । छत्रपति शिवाजी महाराज के आशीर्वाद से मराठा समाज ने महाराष्ट्र की प्रगति में योगदान दिया है। आज उस मराठा समाज को आरक्षण चाहिए। मुख्यमंत्री शिंदे के इस जवाब देने के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार , ओबीसी नेता और मंत्री छगन भुजबल , मंत्री गिरीश महाजन , मंत्री दिलीप वलसे पाटिल आदि मौजूद थे। सदन में भी मंत्रियों सहित सत्ता एवं विपक्ष के सदस्यों की अच्छी मौजूदगी रही। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण में चर्चा पर कुल 74 सदस्यों ने भाग लिया जिसमें विगत कई दिनों में 17 घंटे 17 मिनट चर्चा की। इसमें विपक्ष के पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, आशीष शेलार का नाम उल्लेखनीय है । मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ने मराठा आरक्षण विषय पर चर्चा की सभी की भावनाएं एक ही है कि मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। जो सभी की भावना है वही मुख्यमंत्री के नाते मेरी भी भावना है। ओबीसी समाज को बिना धक्का लगाए मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। आर्थिक और सामाजिक रूप से उसको आरक्षण मिलना चाहिए। मराठा समाज आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से विगत वर्षों में पीछे हुआ है। उसको प्रगति करनी है और उनका अधिकार भी है। कुछ ने आरक्षण की मांग के लिए इस हद तक कदम उठाया कि आत्महत्या तक कर ली । यह अत्यंत वेदनादायी है। राज्य की सामाजिक समरसता को प्रभावित करने वाली घटनाएं भी हुई हैं। राज्य का जो सामाजिक वातावरण है उसको दूषित करने की घटना घटी। किसी भी दो समाज में तनाव निर्माण होना अच्छी बात नहीं है। अपने सभी लोगों की भावना इसके लिए एक ही है कि मराठा समाज को सभी समाज से मिलकर रहना चाहिए। राज्य के सत्ता पक्ष , विपक्ष सभी जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि मराठा आरक्षण मुद्दे का अनुचित फायदा नहीं ले। राज्य की कानून व्यवस्था कायम रहनी चाहिए समाज – समाज में विद्वेष न रहे। चर्चा से हम मार्ग निकाल सकते हैं। समस्या का समाधान कर सकते हैं। समाज के सभी जात- पात हमारे लिए समान है। हमारे मन में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को उसका हिस्सा मिलना चाहिए। आज मराठा समाज की प्रगति के लिए उसको आरक्षण देने की नौबत आयी है। आरक्षण देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए प्रामाणिक तरह से काम करना चाहिए। मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कुछ जगह पर महाराष्ट्र में आंदोलन शुरू हुए। जरंगे पाटिल का उपोषण ख़त्म करने के लिए हम गए। एक का निकालकर दूसरे को देने की सरकार की भूमिका नहीं है। ओबीसी समाज को धक्का लगाए बिना मराठा समाज को आरक्षण देने का हमारा वचन है। जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे तब 56 मराठा मोर्चा निकले। उस समय के आंदोलन मोर्चा हमने देखा था। मराठा समाज को टिकाऊ, कानून में टिकने वाला आरक्षण मिलना चाहिए। जो आंदोलन है उसमें कानून व्यवस्था अबाधित रहे सरकार इसका ध्यान रख रही है। सरकार के काम पर विश्वास रखें। आपको न्याय दिलाना हमारा काम है। .