Home मुंबई-अन्य मराठा आरक्षण के लिए फरवरी में विधानमंडल का विशेष सत्र-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

मराठा आरक्षण के लिए फरवरी में विधानमंडल का विशेष सत्र-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

by zadmin

मराठा आरक्षण के लिए फरवरी में विधानमंडल का विशेष सत्र-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

नवीन कुमार

मुंबई/नागपुर (@nirbhaypathik)। राज्य के मराठा समाज को आरक्षण देने से अन्य समाज के आरक्षण पर इसका असर पड़ने नहीं दिया जाएगा। यह आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधानमंडल के दोनों सदनों में घोषणा की कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद यदि आवश्यक हुआ तो फरवरी 2024 में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

मराठा आरक्षण पर चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री शिंदे विधान परिषद और विधान सभा में बोल रहे थे। मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय किसी भी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। मराठा समुदाय को ऐसा आरक्षण दिया जाएगा जो टिकाऊ हो और ओबीसी समुदाय के आरक्षण को खतरे में डाले बिना कानून के दायरे में हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि हम इसके बिना चैन से नहीं बैठेंगे।

शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए हमें जो भी करना पड़ेगा हम करने को तैयार हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर मराठा समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया था। मैं अब भी इस पर कायम हूं। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि अगर मराठा समुदाय के अलावा कोई भी समुदाय संकट में होता तो यही शपथ ली होती, इसलिए इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने आरक्षण के लिए आंदोलन करने वालों से भी अपील की कि सरकार आरक्षण देने को लेकर सकारात्मक है। इसलिए प्रदर्शनकारियों को सरकार के काम पर भरोसा रखना चाहिए। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में सामाजिक माहौल को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी या किसी अन्य समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को कानून के दायरे में रहने वाला आरक्षण मिलना चाहिए, यही हमारी भावना है। अन्य पिछड़े समुदायों की तरह मराठा समुदाय भी आरक्षण के जरिये आगे बढ़ना चाहता है। इस मांग को लेकर कुछ लोगों ने भावनात्मक तनाव के कारण आत्महत्या जैसा कदम भी उठाया। यह सब कष्टदायी और दर्दनाक है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। राज्य के अन्य सभी समुदायों के साथ घुल-मिलकर मराठा समुदाय ने महाराष्ट्र के सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के विकास में इनका बहुत बड़ा योगदान है।

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