चुनाव परिणाम से पहले
ही संकटमोचक अलर्ट
निर्दलीयों व छोटे दलों पर डाले डोरे
नई दिल्ली,nirbhaypathik: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं और अलग-अलग स्तर पर राजनीतिक समीकरणों का जोड़ तोड़ शुरू हो गया है। बेशक इन राज्यों को लेकर अलग अलग चैनल ने अलग-अलग दावे किए हैं लेकिन एग्जिट पोल से एक बात साफ गई है कि छोटे दलों की भूमिका को दरकिनार नहीं किया जा सकता। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कुछ राज्यों में ये फ्रंट राष्ट्रीय दलों का खेल बिगाड़ सकते हैं। मध्य प्रदेश की बात करें तो कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि पार्टी, भले ही एग्जिट पोल को अंतिम नतीजा नहीं मान रही, लेकिन कई मायने में इस रिजल्ट को हल्के में भी नहीं ले रही। चुनावी राज्यों के प्रभारियों, प्रदेशाध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत शुरू हो गई है।सरकार बनाने के लिए कई विकल्पों पर विचार हो रहा है। राजस्थान में पिछली बार दूसरे दलों और निर्दलियों को मिलाकर कुल 27 विधायक विधानसभा में पहुंचे थे और सरकार बनते ही इनकी जरूरत महसूस होने लगी थी, क्योंकि कांग्रेस के पास खुद की 200 में से 100 ही सीटें थीं। इसलिए निर्दलियों पर इस बार भी नजर है। तेलंगाना के एग्जिट पोल के आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि तेलंगाना में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है जबकि सत्तारुढ़ पार्टी भारत राष्ट्र समिति को झटका लग सकता हैय़ एग्जिट पोल सर्वे में कांग्रेस को 49 से 56 सीटें मिलने का अनुमान है। वैसे अगर अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो यहां पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। AIMIM को सर्वे में 6 से 8 सीटें मिलने की बात कही जा रही है, जबकि यहां पर बीजेपी भी करीब एक दर्जन सीट जीतकर कांग्रेस और बीआरएस का खेल बिगाड़ सकती है। वहीं छत्तीसगढ़ और मिजोरम में भी बैठकों का दाैर शुरू हो चुका है।.
इन एग्जिट पोल्स में मध्य प्रदेश में भाजपा तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में कांटे का मुकाबला दिखा. राजस्थान में जहां कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ थोड़ी बढ़त मिलने का अनुमान है, तो वहीं लगभग सभी एग्जिट पोल्स तेलंगाना में करीब 10 साल बाद कांग्रेस सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. हालांकि वह भी सत्ताधारी बीआरएस और विपक्षी कांग्रेस के बीच मुकाबला कांटे का ही दिख रहा है.उधर कांग्रेस ने अपने संकट मोचनों को अलर्ट कर दिया है. खबर है कि इन चुनाव नतीजों से पहले ही कांग्रेस अलर्ट मोड में आ गई है और उसने पार्टी के ‘संकटमोचक’ कहे जाने वाले डीके शिवकुमार को एक्टिव भी कर दिया है.इस बार कर्नाटक को शक्ति केंद्र बनाकर कांग्रेस राजनीति साधने का प्लान बना चुकी है. परिणाम के तुरंत बाद रिसोर्ट और होटलों की दौड़ शुरू होगी. इस बार कांग्रेस पांचो राज्यों में सरकार बनाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर सकती है