Home मुंबई-अन्य अजित पवार-अमित शाह मिलन पर महाराष्ट्र में सियासी अटकलें तेज

अजित पवार-अमित शाह मिलन पर महाराष्ट्र में सियासी अटकलें तेज

by zadmin

अजित पवार -अमित शाह मिलन पर महाराष्ट्र में सियासी अटकलें तेज

नवीन कुमार

मुंबई (@nirbhaypathik)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे है जिससे वे कुछ कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सके। लेकिन सत्ता के गलियारे में चर्चा गरम है कि वे भाजपा आलाकमान से कथित रूप से नाराज हैं। इसी बीच धनतेरस के दिन अचानक से वे विशेष विमान से दिल्ली चले गए और वहां उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। उनके साथ प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे भी थे। अमित शाह से मुलाकात के बाद प्रफल्ल पटेल ट्वीट करके कहा है कि अमित शाह से यह मुलाकात दिवाली के मौके पर शिष्टाचार भेंट थी। उनके साथ एक सार्थक बैठक हुई। चर्चा तो यह भी है कि इस बैठक में महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट, मराठा आरक्षण और एनसीपी के दावे को लेकर निर्वाचन आयोग के सामने सुनवाई पर गंभीर मंथन हुआ है।दिल्ली रवाना होने से पहले पुणे में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के साथ लगभग घंटे भर बातचीत की। इससे महाराष्ट्र में दिनभर राजनीतिक माहौल गरम रहा। आश्चर्यजनक बात यह थी कि अजित पवार से पहले  एनसीपी के नेता और राज्य के मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने भी शरद पवार से लगभग घंटे भर बात की थी। उनके बाद ही अजित पवार और शरद पवार की बातचीत हुई। अजित पवार ने एनसीपी में दो टुकड़े कर दिए। एक टुकड़ा उनके साथ तो दूसरे टुकड़े शरद पवार के साथ है। अजित पवार एनसीपी के स्वघोषित राष्ट्रीय अध्यक्ष हो गए हैं तो शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को बताया है। ऐसे माहौल में पवार परिवार का एकजुट होना सियासी माना जा रहा है। लेकिन परिवार के एक सदस्य का कहना कि एनसीपी में टूट के बाद यह पहला मौका है जब शरद पवार और अजित पवार पारिवारिक मिलन कार्यक्रम में मिले और बातचीत की। लेकिन इस दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। पवार परिवार के मिलन की वजह शरद पवार के उद्योगपति भाई प्रताप राव पवार  थे जिनका जन्मदिन था। शरद पवार अपने भाई को जन्मदिन का मुबारकबाद देने आए थे। उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं। अजित पवार का परिवार और शरद पवार की बहन सरोज पाटिल भी उपस्थित थीं। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण अजित पवार ने दिवाली मनाने बारामती न जाने की घोषणा कर चुके थे। लेकिन अचानक से दिल्ली जाने से पहले शरद पवार से मिलने को एक राजनीतिक घटनाक्रम के तहत ही देखा जा रहा है। शरद पवार पर भाजपा सरकार में शामिल होने का भी दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन शरद पवार ने साफ कहा है कि वह भाजपा सरकार में शामिल नहीं होंगे। बावजूद इसके शरद पवार भी अजित पवार को मुख्यमंत्री को रूप में देखना चाहते हैं। अजित पवार अपनी यह मंशा जाहिर कर चुके हैं। @ajitpawar,@amitshah

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