आतंकी नेटवर्क के खिलाफ एनआईए की मुहिम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा देश भर में पांव पसारे आतंकी संगठनों और गैंगस्टरों के नापाक गठजोड़ के विरुद्ध एक प्रकार की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करते हुए गत बुधवार को केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित सात राज्यों-हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली में 53 जगहों पर दबिश दी गई। ‘सूचीबद्ध आतंकवादी’ अर्श डल्ला और कई खूंखार गैंगस्टरों के गठजोड़ पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। एनआईए ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है। एनआईए के छापों में टारगेट पर अर्श डल्ला के अलावा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, हैरी मौर, नरेंद्र उर्फ लाली, काला जठेड़ी, दीपक टीनू आदि शामिल थे। एनआईए द्वारा दर्ज किए मामले ‘टारगेट किलिंग’ और आतंकी फंडिंग से जुड़े हैं। इनमें से ज्यादातर मामले खालिस्तानी संगठन और गैंगस्टर द्वारा जबरन वसूली करने से जुड़े हैं। ये लोग या तो विभिन्न जेलों में बंद हैं या फिर पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया सहित विभिन्न देशों से काम कर रहे हैं।
गत बुधवार की कार्रवाई का मुख्य मकसद आतंकी, गैंगस्टर और ड्रग तस्कर के गठजोड़ को खत्म करने और विभिन्न कट्टर गिरोहों और उनके गुर्गों से जुड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसर्स और रसद प्रदाताओं पर नकेल कसना था। ये गिरोह पाकिस्तान, यूएई, कनाडा, पुर्तगाल आदि देशों में स्थित ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के साथ काम कर रहे हैं। यहां बता दें कि एनआईए पहले 370 से अधिक स्थानों पर छापे मार चुकी है। इस तरह की कार्रवाई में पहले एनआईए ने 1129 राउंड गोला-बारूद, 4 घातक समेत 38 हथियार जब्त किए थे। एनआईए ने अब तक 87 बैंक खाते फ्रीज किए हैं और 13 संपत्तियां कुर्क की हैं। 331 डिजिटल डिवाइस, 418 दस्तावेज और दो वाहन जब्त किए हैं। दो भगौड़ों को आतंकवादी घोषित किया है और 15 आरोपियों को भगौड़ा अपराधी घोषित किया है। नौ अन्य के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किए हैं। एनआईए को जांच में पता चला है कि इस तरह की साजिश विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही हैं। विदेश स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इन्हें अंजाम दिया जा रहा था। पिछले साल पंजाब में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी, खनन व्यापारी मेहल सिंह और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या के मामले भी इन्हीं लोगों से जुड़े हैं। एनआईए का मानना है कि कई अपराधी अब विदेशों से आतंक और हिंसा की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
एक अन्य रिपोर्ट अनुसार खालिस्तानी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अति सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में सेंध लगाई है। आईएसआई ने न केवल लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संपर्क साधा, बल्कि जेल में बंद उसके विरोधी गैंगस्टर कौशल चौधरी, अमित डागर और नवीन बाली से भी संपर्क किया। इन तीनों गैंगस्टरों से पाकिस्तान के 6 शहरों से 100 से अधिक बार फोन पर बात हुई है। गैंगस्टरों ने करोड़ों रुपए हवाला के जरिये कनाडा में आतंकी अर्श डल्ला को भिजवाए। इस बात का खुलासा एनआईए ने अपनी एक आंतरिक रिपोर्ट में किया है। इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि किस तरह आईएसआई ने गैंगस्टरों से संपर्क किया। तिहाड़ जेल में इस समय करीब 30-35 कुख्यात गैंगस्टर रखे गए हैं। जिनके संबंध यूपी, पंजाब, राजस्थान समेत कई जिलों के गैंगस्टर से हैं। यह सभी आपस में इंटरलिंक हैं। पंजाब के कई गैंगस्टर को फंडिंग भी इन्हीं के जरिये होने के इनपुट मिल रहे हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकियों, अलगाववादियों और गैंगस्टर पर नकेल डालने के लिए जो प्रहार किया है वह समय की मांग अनुसार उठाया गया कदम है, लेकिन यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि विदेशी शह और समर्थन लेकर विदेशों में बैठे आतंकी और अलगाववादियों तथा गैंगस्टर पर नकेल डालने के लिए ऐसे प्रहार योजनाबद्ध तरीके से समय-समय पर होते रहने चाहिए, क्योंकि इन लोगों की जड़ें काफी मजबूत हैं। एक प्रहार से बात बनने वाली नहीं। ऐसी कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए।