महिला बचत समूहों को भी कर्ज मिले – गीता जैन
मुंबई,@nirbhaypathik: मीरा भायंदर की निर्दलीय विधायक गीता जैन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अनुरोध किया है कि जिस तरह सहकारी संस्थाओं को सरकार इक्विटी पूंजी और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी ) से ऋण प्रदान करती है उसी तर्ज पर राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को इक्विटी और ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति से दी गयी है इसमें विधायक गीता जैन ने यह भी बताया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के मुख्य सचिव को जांच करके प्रस्ताव को सादर करने को कहा है। राज्य की महिला आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है हालांकि इन स्वयं सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से दी जाने वाली कर्ज की रकम बहुत कम है। इसके अलावा बैंक इन स्वयं सहायता समूहों को वित्त पोषित करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं है। महिला स्वयं सहायता समूहों का काम भले छोटा लगता है लेकिन महिला आत्मनिर्भर बन जाती हैं। स्वाभाविक रूप से इससे परिवार , गाँव और अंततः देश का विकास होता है। जिस तरह सरकार द्वारा इक्विटी और एनसीडीसी से सहकारी समितियों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है उसी प्रकार महिला स्वयं सहायता समूहों को भी ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। महिला स्वयं सहायता समूहों के ऋण का एनपीए शून्य प्रतिशत है। इससे सरकार की बचत हो जायेगी।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक गीता जैन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण और एनसीडीसी की योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए आरक्षण उपलब्ध कराया जाता है तो महाराष्ट्र ऐसा निर्णय लेने वाला पहला राज्य होगा।