विशेष संवाददाता
मुंबई@NIRBHAY PATHIK:, मानसून सत्र के दो सप्ताह के बाद भी विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं चुना जा सका है । संख्या के अनुसार यह पद कांग्रेस को मिलेगा क्योंकि शरद पवार गुट और उद्धव गुट की तुलना में सबसे अधिक विधायक हैं। कांग्रेस के 45 विधायक हैं। शुक्रवार को विधानसभा में भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने कांग्रेस के सदस्यों से कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष का नेता आज तक क्यों नहीं घोषित किया है। यह लोकतंत्र में जनता के साथ अन्याय है। इस पर कांग्रेस के नाना पटोले ने बाद में पत्रकारों से कहा कि विपक्ष का नेता कांग्रेस का ही होगा। खबर है कि कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान के कारण तथा शरद पवार की पार्टी में चल रही हलचलों के कारण विपक्ष के नेता का चुनाव नहीं हो पा रहा है. चर्चा है कि कांग्रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नेता विपक्षी नेता के पद का दावा ठोंक रहे हैं. इनमें बाला साहेब थोराट,अशोक चव्हाण ,नाना पटोले का समावेश है. पेंच इसलिए फंसा है कि कांग्रेस आलाकमान इन वरिष्ठ नेताओं से पिंड छुड़ाना चाहती है वह किसी नए चेहरे की तलाश में है जो राजनीतिक समीकरण में फिट बैठ जाए और राहुल के साथ जिनकी बराबरी की ट्यूनिंग हो. इस हिसाब से यशोमति ठाकुर,प्रणति शिंदे, वर्षा गायकवाड़ सहित कई नए चेहरों को यह पद देने की चर्चा राजनितिक गलियारों में है..लेकिन चुनावी वर्ष होने के कारण जातीय संतुलन पर तवज्जो दी जा रही है. राज्य शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस में पड़ी फुट के कारण कांग्रेस के नसीब में विरोधी पक्ष नेता पद स्वयं आ गया है. कांग्रेस इसका लाभ लेने के लिए तत्पर है. 3 जुलाई के बाद से आज 26 दिन बीत चुके हैं कांग्रेस राज्य को विपक्षी नेता देने में अनावश्यक देरी कर रही है. वैसे प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि एक हफ्ते में यह हो जायेगा। कांग्रेस में विपक्ष का नेता कौन होगा यह दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेता तय करेंगें। .