अब शिक्षा अधिकारी की भी ईडी द्वारा जाँच
विशेष संवाददाता
मुंबई@nirbhaypathik:, नासिक की जिस शिक्षा अधिकारी के यहां भारी मात्रा में नकदी एवं जेवर मिले थे। उसका मामला ईडी ( प्रवर्तन निदेशालय ) को भेजा जायेगा। इस तरह का यह पहला मामला होगा जब शिक्षा अधिकारी के खिलाफ ईडी द्वारा जांच की जाएगी। राज्य में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही धांधली और आय से अधिक संपत्ति का मामला गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर के दौरान उठाया गया था। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नासिक में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई में जिस शिक्षा अधिकारी के यहां बड़े पैमाने पर नकदी, ज्वेलरी, प्रॉपर्टी पायी गयी उसका मामला ईडी के पास जांच के लिए भेजेंगें। प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा विभाग की इस तरह की बड़ी धांधलियों के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के अनुसार कार्रवाई करने की मांग की गयी थी। जिस पर गृहमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस तरह के मामले ईडी के पास भेजेंगें।कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार के रोकथाम के लिए सरकार असहाय दिख रही है। नासिक के शिक्षा अधिकारी ( सुनीता धनगर ) मामले में आय से अधिक जायदाद का उल्लेख करते हुए हुए कहा कि संबंधित शिक्षा अधिकारी के यहां से 50 लाख रुपये नकद, 32 तोले सोने, बैंक खाते में भारी रकम, कई फ्लैट पाए गए । ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करना संभव है क्या? इस तरह के मामले में सरकार असहाय नहीं हो सकती इसलिए शिक्षा और कानून विभाग के लिए इस तरह की घटनाओं की पार्श्वभूमि पर अलग से कानून बनाया जा सकता है जिससे कठोर कार्यवाई की जा सके। उपमुख्यमंत्री गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके उनको निलंबित किया गया तो उनको पुनः सेवा में लेते समय उनको पद पर बहाल करना पड़ता है क्योंकि यह अकार्यकारी पद नहीं है । इससे विभागीय जांच के बाद कार्रवाई से रिश्वतखोरों की समस्या का समाधान नहीं होगा। इसलिए आपराधिक कार्रवाई के उद्देश्य से शिक्षा आयुक्त ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पत्र लिखा था। शिक्षकों की मान्यता, स्कूल का आईडी देना,गलत संख्या दिखाना आदि शिकायतें पत्र में की गयी थी। गृहमंत्री फडणवीस ने सदन को बताया कि आयुक्त द्वारा लिखे पत्र में 40 में से 33 मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने चार्जशीट दायर की है। तीन मामले मंजूरी के लिए है उस पर जल्द निर्णय लिया जायेगा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई की होगी तो भी इस मामले में नये सिरे से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यह अधिकारी निलंबित होने के बाद पुनः सेवा में आते हैं और पुनः धांधली करते हैं। इसलिए इनके खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा सकती है क्या इसका विचार किया जा रहा है। प्रश्नकाल के दौरान रोहित पवार ने भी सवाल उठाया था और कहा था कि शिक्षा विभाग में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है।