Home मुंबई-अन्य आदिवासी महिला की मौत पर विधानसभा में हंगामा-विपक्ष का सदन त्याग

आदिवासी महिला की मौत पर विधानसभा में हंगामा-विपक्ष का सदन त्याग

by zadmin

विपक्ष कर रहा है राजनीति – सरकार, विपक्ष का हंगामा और बहिर्गमन

संजीव शुक्ल 

मुंबई@nirbhaypathik:, नासिक के इगतपुरी में एक आदिवासी गर्भवती महिला की उपचार के अभाव में मृत्यु हो जाने का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। इस मामले  में सरकार की तरफ से जवाब दिया गया लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस के बाळासाहेब थोरात ने इस मामले पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव रखा। इगतपुरी के सोनेवाड़ी गांव में आदिवासी गर्भवती महिला को मुख्य संपर्क रस्ते तक जाने के लिए ढाई किलोमीटर पैदल जाना पड़ा। पैदल चलकर वह इगतपुरी दवाखाने में पहुंची तो वहां डॉक्टर नहीं था। जिसके कारण वह गर्भवती महिला ‘वाडीवरे’  गांव गयी। वहां उसकी तबियत इतनी खराब हुई की उसकी मौत हो गयी। थोरात ने कहा अपने प्रगतिवाले राज्य में एक आदिवासी महिला केवल इसलिए मर जाती है क्योंकि उसको उपचार नहीं मिला। यह हालत है।

 नाना पटोले ने कहा कि 25 जुलाई को गर्भवती महिला की मौत हो गयी। यह सरकार के लिए शर्मनाक घटना है। एम्बुलेंस नहीं दी गयी है। सरकार कर्ज में दबी है। यह सरकार कर्ज लेकर दीवाली मना रही है। इरशालवाड़ी में लाइट नहीं पहुँच पायी। सरकार के निकम्मेपन से एक महिला की मौत हो गयी। इगतपुरी की महिला की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है। इस पर चर्चा होनी चाहिए यह हमारी मांग है। इनके ही विधायक प्रशांत बंग ने कहा कि रास्ते कैसे गायब होते हैं। पटोले ने कहा कि  57 के तहत नोटिस दी है सरकार मुद्दे पर चर्चा करे। सरकार ने जो कर्ज लिया है उस पर श्वेत पत्रिका निकाले। 

वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि दूसरी घटना जव्हार- मोखIडा पालघर में हुई। वहां 9 महीने की गर्भवती महिला को पानी में चलकर जाना पड़ा। वहां प्राथमिक केंद्र में डॉक्टर नहीं था। महाराष्ट्र के एक महिला की महिला की मौत हुई है। इस पर सविस्तार चर्चा कीजिये। जिस पर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि आपके विषय की गंभीरता को देखते हुए सरकार जवाब दे। स्थगन प्रस्ताव पर हम निर्णय दिए हैं इसलिए इस पर अधिक चर्चा की जरूरत नहीं रहेगी।  सरकार की तरफ से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि निश्चित रूप से निवेदन करेंगें। अगर उसमें कमी रहेगी तो चर्चा के लिए तैयार हैं। अखबार की खबर पर यह मामला उठाया जा रहा है। विपक्ष राजनीति कर रहा है ऐसे मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। राजनीति करना है तो मैं भी कर सकता हूँ कि तुम्हारी सरकार थी तो क्यों नहीं हुआ । जिस पर विपक्ष खासकर कांग्रेस के सदस्य शोर मचाने लगे और नारेबाजी की आदिवासी पर अन्याय करने वाली सरकार का निषेध हो। बाद में विपक्ष की तीनों घटक कांग्रेस , शिवसेना ( उबाठा ), राष्ट्रवादी ( शरद पवार गुट ) के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

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