Home मुंबई-अन्य सबसे अधिक अवैध स्कूल मुंबई में है – केसरकर

सबसे अधिक अवैध स्कूल मुंबई में है – केसरकर

by zadmin

सबसे अधिक अवैध स्कूल मुंबई में है – केसरकर

 विशेष संवाददाता 

मुंबई,@nirbhaypathik:  राज्य में शिक्षा विभाग के द्वारा विभिन्न स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया है। इसमें निजी व्यवस्थापन द्वारा संचालित 611 स्कूल अवैध तरीके से शुरू है लेकिन इन विद्यार्थियों का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा। यह जानकारी स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने  शुक्रवार को प्रश्नोत्तर के दौरान सवाल के जवाब में दिया। शालेय शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने बताया कि  सबसे अधिक अवैध स्कूल मुंबई मैं हैं और मुंबई के इन अवैध स्कूलों की संख्या 347 है। उसके बाद पुणे का नंबर है। केसरकर ने बताया कि  अवैध स्कूल में जो विद्यार्थी हैं उनका नुकसान नहीं होने देंगें। इस बारे में स्कूलों को कागज पत्र तत्परता से जमा करने की नोटिस दी गयी है। भिवंडी के कुछ स्कूलों के बारे में बताया कि फर्जी प्रमाणपत्र छापकर जिसने स्कूल बनाया उनको बंद करने  का आदेश है। लेकिन विद्यार्थियों की वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह बंद नहीं किया जायेगा। मुंबई में नियम है कि स्कूल की जगह पांच गुंठा हो लेकिन कई स्कूलों में  पांच गुंठे से कम जगह पायी गयी है। मंत्री केसरकर ने कहा कि मुंबई के अवैध स्कूलों के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करके विद्यार्थियों के हित  के लिए सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लिया जायेगा। इन अवैध स्कूलों में सरकार की मान्यता के बिना स्कूल शुरू करने, राज्य मंडल के अतिरिक्त अन्य मंडल से सम्बद्ध होने के लिए सरकार से एनओसी नहीं लेने, संबंधित परीक्षा मंडल का संलग्नता प्रमाण पत्र नहीं लेने इन बातों के ध्यान में आने से संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं साल 2022 में कुछ स्कूलों में सरकार मान्यता आदेश यह फर्जी पाया गया।  इन स्कूलों के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया गया है। राज्य के अवैध स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में हरिभाऊ बागड़े , आशीष शेलार , अतुल भातखलकर , रईस शेख ,  सुनील राणे , संजय केलकर , योगेश सागर , अशोक उईके , यामिनी जाधव आदि ने सवाल पूछा था।    बोरीवली के भाजपा विधायक सुनील राणे ने यह भी कहा कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के तहत विद्यार्थियों को  परोसी जाने वाली खिचड़ी बहुत घटिया होती है। उसमें सुधार करो अन्यथा इसे बंद करो।  जिस पर मंत्री केसरकर ने कहा कि वह स्वादिष्ट होनी चाहिए। मध्यान्ह भोजन के बारे में एक समिति नियुक्त की गयी है।   

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