खारघर मामले में किसको बचाने का प्रयास – पृथ्वीराज चव्हाण
विशेष संवाददाता
मुंबई,@nirbhaypathik: ‘खारघर मामले ‘ की रिपोर्ट आने में सरकार द्वारा टालमटोल के रवैये से बुधवार को विधानसभा में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण सदन में ‘ बिफर पड़े। पृथ्वीराज चव्हाण ने सदन में कहा कि 16 अप्रैल 2023 को खारघर में आयोजित महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में लाखों लोग इकठ्ठा हुए थे। (इसमें ऊष्मा घात से 14 लोगों की मौत हुई थी )। इसमें हुई घटना की जाँच के लिए एक सदस्यीय समिति गठित की गयी थी। 20 अप्रैल को को निकाले गए ‘जीआर’ में एक महीने में जाँच की अवधि थी। 13 जुलाई को निकाले गए जीआर में जाँच की अवधि को एक महीने और बढ़ा दिया गया है। इस जाँच में टालमटोल किस राजनीतिज्ञ को बचाने के लिए की जा रही है। वहां दोपहर को सभा क्यों की गयी थी। इस के लिए दोषी कौन है। कार्यक्रम का समय कौन तय किया। किसका राजनीतिक दबाव था। जिस पर मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आक्षेप किया तो पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा फिर से अवधि बढ़ाने का जीआर निकाला इसलिए बोला। जिस पर मुनगंटीवार ने कहा जब आप जब मुख्यमंत्री थे तब की हुई घटना की भी जानकारी देंगें। मुनगंटीवार की इस वाक्य पर कांग्रेस के सदस्य नाराज हो गए और अपने आसन से खड़े हो गए और आपत्ति जताने लगे। जिस पर फिर से सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सहन शीलता बढ़ाओ।जिस पर चव्हाण ने कहा कि कमिटी का कार्यकाल क्यों बढ़ाया। जिस पर मुनगंटीवार ने कहा कि 24 घंटे चिंता करके ब्लड प्रेशर मत बढ़ाओ। कल यह मामला आएगा उस पर सविस्तार उत्तर देगें। इस तरह दोनों में हुई तीखी बहस से कांग्रेस के सदस्य और असहज हो गए। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि इसका प्रश्न कल है। इसके बाद कांग्रेस बालसाहब थोरात खड़े हुए और आक्रामक होते हुए मुंगटीवार के बयान पर कहा कि तुम मुख्यमंत्री थे तुम्हारे समय की जानकारी देंगें यह कहकर क्या धमकी दे रहे हो। थोरात ने अध्यक्ष से कहा कि इसको रिकॉर्ड से निकाल दो। जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि कुछ आपत्तिजनक होगा तो निकाल देंगें।