ड्रग्स कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हेतु कानून में संशोधन की मांग
संजीव शुक्ल
मुंबई@nirbhaypathik:, महाराष्ट्र में बढ़ रहे नशे के कारोबार और इससे बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी से जुड़ा हुआ यह गंभीर मुद्दा मंगलवार 18 जुलाई को विधानसभा में गूंजा। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत यह मामला रोहित पवार एवं अन्य द्वारा सदन में उठाया गया । इसमें कहा गया कि शिक्षा,नौकरी एवं व्यवसाय के लिए दूसरे राज्यों सहित विदेश से युवा-युवती बड़े पैमाने पर राज्य में निवास करते हैं। पुणे शहर एवं परिसर में जनवरी 2023 से मई 2023 के दौरान करीब सात करोड़ का मादक पदार्थ (ड्रग्स ) जब्त किया गया। मार्च 2023 के दौरान कथा इडूलीस इस मादक पदार्थ का सेवन किये जाने का मामला सामने आया। पुणे शहर में विदेशी नागरिक के माध्यम से बड़े पैमाने मादक पदार्थ की विक्री हो रही है और मादक पदार्थ की तस्करी करने में प्रमुखता से नायजेरियन आगे दिख रहे हैं। मुंबई , पुणे यहां से कोकेन, ब्राउन शुगर की तस्करी पुणे में हो रही है। मादक पदार्थ को पहुंचाने के लिए ‘डंझो ऐप’ का उपयोग करने का मामला सामने आया है। मादक पदार्थ खरीदने और बेंचने वाले पुलिस और जांच यंत्रणा के पकड़ में नहीं आएं इसलिए कोडवर्ड में एक दूसरे से संवाद साधते हैं और इसके लिए व्हाट्सअप पर इमोजी करते हैं तथा विशिष्ट मादक पदार्थों के लिए विशिष्ट प्रकार के इमोजी उपयोग किये जाते हैं। तस्करों को रोकने की बड़ी चुनौती पुलिस के सामने उत्पन्न हो गयी है। मादक पदार्थों की विक्री में वृद्धि होने से शहर के युवाओं का भविष्य घोर अंधेरे में होने की संभावना है। इस तरह के अपराध के रोकथाम के लिए सरकार क्या कर रही है ? महाराष्ट्र सरकार द्वारा ड्रग्स के रोकथाम और ड्रग्स कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मद्देनजर उठाये गए कदम की जानकारी उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने उत्तर में सदन में दिया । उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ की रोकथाम करने के लिए मादक पदार्थ प्रतिबंधक शाखा ( एनसीबी ) और आतंक विरोधी पथक ( एटीएस ) कार्रवाई करेगा। इसके लिए कानून में सुधार करने की जरूरत है। गृहमंत्री फडणवीस ने बताया कि एनडीपीएस यह केंद्र सरकार का कानून है जो 1985 में बना है। केंद्र सरकार और राज्यों की बैठक हुई थी जिसमें केंद्र सरकार से महाराष्ट्र सरकार ने तीन मांगें करते हुए इस कानून में संशोधन करने का निवेदन किया है। इन मांगों में पहली मांग है कि इसमें कुछ अधिकार जो अभी केवल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी ) के पास है इसमें एटीएस को नोडल एजेंसी बनाने की बात की गयी है। डीजी, एडीजी लेवल पर जिम्मेदारी देने की मांग की गयी है जिसके लिए केंद्र सरकार तैयार है। दूसरी मांग है कि विभिन्न तरह के मादक पदार्थों ( ड्रग्स) का स्वयं के लिए उपयोग और कमर्शियल मात्रा इन दोनों के लिए अलग- अलग प्रावधान है। इसलिए विभिन्न तरह के मादक पदार्थों की जो कामर्शियल मात्रा निर्धारित की गयी है। उस मात्रा को घटाकर कम करने की मांग केंद्र से की गयी है। केंद्र सरकार से तीसरी मांग चार्जशीट दायर करने की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की है। फडणवीस ने कहा कि कारोबारी नयी-नयी तरकीबें अपना रहे हैं। राज्य में मादक पदार्थ की तस्करी के लिए पोस्ट और कुरियर जैसे साधन का उपयोग कर रहे हैं। ये जो नयी चुनौती आयी है उसका सामना करते हुए अत्यंत कठोर कार्रवाई करने का काम केंद्र और राज्य सरकार कर रही है। विदेशी नागरिक भी ड्रग्स कारोबार में लिप्त हैं। राज्य में जिला स्तर पर नारकोटिक्स प्रतिबंधक प्रकोष्ठ बनाया जा रहा है। फडणवीस ने कहा साइबर क्राइम और ड्रग्स यह चुनौती है हमने चुनौती को स्वीकार किया है और इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए मानव संसाधन की कमी नहीं होने पाएगी। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मादक पदार्थ के लिए आधुनिक तकनीक के नए – नए तरीके अपनाए जाते हैं। व्हाट्सअप आदि मैसेज से कोड में कम्युनिकेट होता है और सप्लाई शुरू हो रही है। पेमेंट ‘गूगल पे’ द्वारा किया जाता है। कई बार थर्ड पार्टी पेमेंट होता है। फिजिकल पजेशन नहीं हो तो ग्रे एरिया तैयार होता है। पहले मुंबई पुणे जैसे बड़े शहरों में था अब जिला स्तर पर एंटी ड्रग्स सेल बनाया गया है। फडणवीस ने कहा कि हमने ड्रग्स के विरोध में बंदोबस्त शख्त किया तो कंटेनर कार्गो से ड्रग्स कारोबार शुरू हो गया। मुंदड़ा बंदरगाह पर ड्रग्स पकड़ी गयी थी। राज्य में बंदरगाह पर उतरनेवाले कंटेनर के सामान का सख्ती से स्कैनिंग किया जाता है। कंटेनर पर स्कैनर लगाकर सामान को आयडेंटीफाय किया जा रहा है । जितने कुरियर और पोस्ट के माध्यम से मादक पदार्थ भेजे जा रहे हैं इंटेलिजेंस को इसकी जानकारी हमने दी है । उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ड्रग्स में जो सूत्रधार है वह नहीं पकड़ा जाता है। जो पकड़ा जाता है वह तो कुरियर होता है। जब तक मुख्य सूत्रधार नहीं पकड़ा जाता तब तक मसला हल नहीं होता। लेकिन कंट्रोल डिलीवरी का अधिकार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कहकर यह लोग निकल जाते हैं। इसलिए यह अधिकार एटीएस के डीजी, एडीजी को देना चाहिए यह मांग की गयी है । फडणवीस ने कहा कि कमर्शियल की मात्रा कम करेंगे तो जो यह कहते हैं कि मैंने अपने उपयोग के लिए खरीदी उन्हें कमर्शियल यूज के तहत सजा मिलेगी। फडणवीस ने बताया कि अभी साधारण तौर पर 90 दिन में चार्जशीट दायर करनी होती है लेकिन चार्जशीट दायर करने की जल्दी में सूत्रधार व्यक्ति छूट जाता है। इसलिए केंद्र सरकार से चार्जशीट दायर करने की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की मांग है। गृहमंत्री फडणवीस ने कहा कि ड्रग्स तस्करी में प्रशासन का जो कोई भी कर्मचारी लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ 311 के तहत कार्रवाई करते हुए सीधा बर्खास्त किया जायेगा। इस चर्चा में नाना पटोले, जितेंद्र आव्हाड, नितेश राणे,अनिल देशमुख,कैलास गोरंडयाल, आदि ने भी भाग लिया.