शिंदे गुट के 16 विधायक अयोग्य ठहराये जा सकते हैं – विधानसभा उपाध्यक्ष झिरवाळ
विशेष संवाददाता
मुंबई@nirbhaypathik:, शिवसेना ( उद्धव बालासाहेब ठाकरे ) ने एकनाथ शिंदे गुट ( अब शिवसेना )में शामिल हुए 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है । विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर इस बारे में उचित समय पर निर्णय लें ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय में कहा है। इस बारे में विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाळ ने कहा है कि सभी पहलुओं पर विचार किया तो शिवसेना के 16 विधायक अयोग्य ठहराए जा सकते हैं। उनके इस बयान को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है वहीं दुसरी तरफ इस बयान से खलबली भी मच गयी है। झिरवाळ का यह भी कहना है कि विधायकों के अयोगय ठहराने के बारे में निर्णय लेने का अंतिम अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है। ( शुरू में जब 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का यह प्रकरण आया था तब विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त था और झिरवाळ उपाध्यक्ष थे वही विधानसभा का कामकाज देख रहे थे। बाद में राहुल नार्वेकर विधानसभा अध्यक्ष चुने गए ) । विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के अयोग्यता की मांग पर योग्य निर्णय लें ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई 2023 को अपने निर्णय में कहा है। न्यायालय के निर्णय को 3 महीने 10 अगस्त 2023 को पूरे होंगें। वहीं विगत दिनों उद्धव गुट के विधायक सुनील प्रभु ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोगय ठहराने के बारे में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने संबंधी एक और याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की है। उसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 7 जुलाई को शिवसेना के दोनों गुटों के 53 विधायकों को अपनी सफाई में क्या कहना है उस पर अपनी बात कहने के लिए नोटिस दिया है। इन विधायकों को अपनी बात कहने के लिए सात दिन की अवधि दी गयी है। इस परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक विधायकों को समय देकर उनकी प्रत्यक्ष सुनवाई की जाएगी ऐसा नार्वेकर ने कहा है। उन्होंने कहा है कि विधायकों की अयोग्यता मामले में कितने दिनों में निर्णय लूँ इस बारे में कोई समय निर्धारित नहीं कर सकता। इसलिए अयोग्यता के बारे में मेरे निर्णय देने के बाद ही संबंधित न्यायालय जा सकता है यह भी नार्वेकर ने कहा। ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को अपने निर्णय में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ) को एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना विधायकों जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है के बारे में फैसला करने को कहा था। सुनील प्रभु का कहना है इस बारे में कोई क़दम नहीं उठाया गया। जबकि 11 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में विधानसभा अध्यक्ष को एक वाजिब समय में फैसला लेने का कहा था। बतादें कि शिवसेना के दोनों गुट एक दूसरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। तब सुनील प्रभु शिवसेना ( उद्धव ) के सचेतक थे। बाद में शिंदे गुट भी बना और उसके सचेतक भारत गोगावले बनाये गए। एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया इसलिए पहले इन्ही 16 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उद्धव गुट की तरफ से की गयी ।