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मैं लिखता मराठी में हूँ और पत्रकारिताअंग्रेजी में किया- शिरीष कणेकर

by zadmin

मुंबई मराठी पत्रकार संघ का 82 वां स्थापना दिवस समारोह संपन्न 

मैं लिखता मराठी में हूँ और पत्रकारिता 
अंग्रेजी में किया गया:- शिरीष कणेकर

अश्विनीकुमार मिश्र 
मुंबई:(@nirbhaypathik ):यद्यपि लेखन मैंने मराठी में किया है और इस भाषा में मेरी ५५ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.,लेकिन मैंने पत्रकारिता अंग्रेजी में की है. यह विचार वरिष्ठ पत्रकार व मराठी के प्रख्यात लेखक   शिरीष कणेकर ने व्यक्त किये। वह मुंबई मराठी पत्रकार संघ की 82 वीं स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. 
अपने लेखन के बारे में बात करते हुए श्री. कणेकर ने कहा, ‘जब मैंने लिखना शुरू किया, तो मेरे पिता ने एक बार मेरा लेख पढ़ा और मुझसे कहा, ‘तुम बहुत अच्छा लिखते हो।’ यह मेरे लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन था. उन्होंने लता दीदी और राजेश खन्ना से जुड़े अपने संस्मरणों से उपस्थितों को खूब हंसाया. 
बता दें कि मुंबई मराठी पत्रकार संघ की वर्षगांठ के अवसर पर हर वर्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में दिये जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों  का वितरण श्री. कणेकर के हाथों किया गया. इस वर्ष पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्ति इस प्रकार हैं:
खोजी पत्रकारिता के लिए ‘पद्म श्री यमुना ताई खाडिलकर  मेमोरियल अवार्ड’: शर्मिला कलगुटकर (दैनिक महाराष्ट्र टाइम्स)।  अखबार में काम करने वाले वरिष्ठ टाइपोग्राफर श्रीकांत नाइक को  ‘कविवर्य प्रो.’ भालचंद्र खांडेकर पुरस्कार:दिया गया  3) सामाजिक प्रतिबद्धता की दृष्टि से पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घ सेवा के लिए ‘समतानंद अनंत हरि गद्रे’ पुरस्कार:नंद कुमार पाटिल. को ,समाचार पत्र फोटोग्राफर के रूप में लंबी सेवा के लिए   एड. अधिक शिरोडकर पुरस्कृत तोलाराम कुकरेजा वृत्तछायाचित्रकार’ पुरस्कार :  सचिन कमळाकर वैद्य (दै. सामना) को और युग आरंभ कार सर्वोदयी कार्यकर्ता मधुसूदन सीताराम रावकर स्मृति पुरस्कार’ वरिष्ठ पत्रकार/संपादक अनिकेत जोशी (संपादक, दै वित्त बातमी )को दिया गयाइस अवसर पर 65 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके वरिष्ठ पत्रकार श्री. कणेकर को पत्रकार संघ की मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया। इन सदस्यों को शॉल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ एवं सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अन्य माननीय सदस्य इस प्रकार हैं: सुनील वाग्ले,आस्था सी. दिग्गीकर,  श्रीकृष्ण डी. राणे, डॉ. प्रकाश एस. खांडगे, प्रदीप ए.कोचरेकर, दिनेश रामकृष्ण गुणे,सिल्वेस्टर मिनाज, . लीलाधर दशरथ चव्हाण और . भरत तुलाजी कदम.
प्रमुख  अतिथि  शिरीष कणेकर को  नरेंद्र वि. वाबळे  द्वारा मानद सदस्यता प्रदान की गई। शुरुआत में सभी अतिथियों का परिचय संदीप चव्हाण ने कराया . अध्यक्ष श्री वाबले  ने अतिथियों का स्वागत किया. उपाध्यक्ष शैलेन्द्र शिर्वे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र हुंजे ने किया.

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