छत्रपति शिवाजी महाराज संबंधित ऐतिहासिक वस्तुओं का संकलन किया जाएगा – मुख्यमंत्री
मुंबई@nirbhaypathik: छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्य यह जनता का राज्य था । आम लोगों के हित के निर्णय उन्होंने लिए। उनके विचारों का प्रचार-प्रसार एवं जन जागरण करने के लिए और छत्रपति शिवाजी महाराज के दिनों की ऐतिहासिक विरासत को संवर्धित करने के लिए विश्व भर के शिवकालीन साहित्य एवं वस्तुओं का सांस्कृतिक कार्य विभाग के जरिए संकलन किया जाएगा, यह प्रतिपादन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया।
राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिन समारोह के 350वें वर्ष के औचित्य पर विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए है। इन कार्यक्रमों का प्रारंभ गुरुवार 1 जून को गेट वे ऑफ इंडिया पर मुख्यमंत्री शिंदे के हाथों किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के हाथों शिवकालीन शस्त्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया। इस अवसर पर राज्य के वन, सांस्कृतिक कार्य और मत्स्य व्यवसाय मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, श्रीमती सपना मुनगंटीवार, सांस्कृतिक कार्य विभाग के संचालक विभीषण चवरे, पुरातत्व विभाग के संचालक तेजस गर्गे, उपसचिव विलास थोरात, श्रीनिवास वीरकर, विनीत कुबेर आदि उपस्थित थे। आज पहले दिन महानाट्य ‘जाणता राजा’ का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे, मंत्री श्री. मुनगंटीवार ने शस्त्र प्रदर्शनी का मुआयना किया और विस्तार से जानकारी ली। साथ ही कलाकारों द्वारा प्रस्तुत युद्धकला प्रात्यक्षिकों की भी सराहना की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज बहुत ही कुशल संगठक और प्रशासक थे और इसका सबूत है शिवाजी महाराज द्वारा बनाये गए गढ़ किले है। शिवाजी महाराज ने जनता का ध्यान रखा । उनके राज्याभिषेक समारोह को 350 वर्ष पूरे हो रहे है। इसी के औचित्य पर रायगढ़ पर शुक्रवार 2 जून को कार्यक्रम हो रहे है। महाराष्ट्र के लिए यह गर्व का पल है। उन्होंने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह के उपलक्ष्य में सालभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस दौरान उन्होंने सांस्कृतिक कार्य विभाग के जरिए शुरू की गई नवीनतम उपक्रमों और इस विभाग के मंत्री मुनगंटीवार की सराहना भी की।
कार्यक्रम में मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि शिवराज्याभिषेक समारोह कल 2 जून को किला रायगढ़ पर शुरु होगा। इस समारोह में राज्य के 1 हजार 108 नदी और जलाशयों के पानी से अभिषेक किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा उपयोग की हुई वघनखे और जगदंबा तलवार फिर से वापस लाने के लिए प्रयास जारी है। उसके अनुसार बघनखा प्रदर्शन के लिए देने की बात ब्रिटिश सरकार ने मान्य की है। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज व उनके सेनापति पर आधारित टपाल टिकट का भी प्रकाशन इसी अवधि में हो, यह प्रयास जारी है और इस तरह से उसका नियोजन भी किए जाने की बात उन्होंने कही। उन्होंने बताया कि राज्यभर महानाट्य ‘जाणता राजा’ के मंचन किये जायेंगे। मंत्री मुनगंटीवार ने यह भी बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित सर्वोत्कृष्ट दस फिल्मों का महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इन अलग-अलग माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार आम जनता तक पहुचाएं जा सकेंगे।
महाराष्ट्र का अभिमानास्पद एवं गौरवशाली इतिहास विश्व तक पहुंचाने के लिए सांस्कृतिक कार्य विभाग प्रयास कर रहा और इसके लिए नागरिकों से भी पहल करने की अपील उन्होंने इस दौरान की। कार्यक्रम में उपस्थित सभी के प्रति सांस्कृतिक कार्य विभाग के संचालक चवरे ने आभार प्रकट किया।
शिवकालीन शस्त्रास्त्र की प्रदर्शनी
शिवराज्याभिषेक समारोह के 350 वें वर्ष के औचित्य पर राज्य सरकार के पुरातत्व व वस्तु संग्रहालय संचालनालय की पहल से गेट वे ऑफ इंडिया के परिसर में शिवकालीन शस्त्रास्त्र की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री शिंदे के हाथों किया गया। इस प्रदर्शनी में तलवार, पट्टा, कट्यार, गुर्ज, भाला, खंजीर, चिलखत, गुप्ती, बंदूक ऐसी पुरातन चार सौ से अधिक शस्त्रे नागरिकों को देखने के लिए उपलब्ध कराई गई है। दिनांक 2 से 6 जून, 2023 इस अवधि में गेट वे ऑफ इंडिया पर (गाभाऱ्यात) शिवकालीन शस्त्रास्त्र की प्रदर्शनी व शस्त्रास्त्र उपयोग के प्रत्यक्ष प्रदर्शित होगी। इसके अलावा दिन में चार बार युद्ध कला प्रस्तुतिकरण होगा व शस्त्रास्त्र की जानकारी भी दी जाएगी। साथ ही शिवराज्याभिषेक समारोह के अवसर पर 2 जून को राजस्थानी लोककला, शनिवार 3 व रविवार 4 जून को महाराष्ट्र की लोककला, सोमवार 5 से बुधवार 7 जून, 2023 इस अवधि में गोवा व गुजरात राज्य की लोककला का प्रस्तुतिकरण होगा।