चुनाव पूर्व कांग्रेस की लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा बैठक शुरु-
मुंबई@nirbhaypathik:महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी शुक्रवार से शुरू हुई दो दिनों की बैठक में राज्य के सभी प्रमुख लोकसभा क्षेत्र की समीक्षा करेगी। बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि आगामी चुनाव में कैसे बड़ी जीत हासिल की जाए। हमारी कोशिश हर जगह की समीक्षा करने की हैं। यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार 2 जून को मीडिया से हुई बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य के हर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के पास अपनी संगठनात्मक ताकत है। हालांकि कांग्रेस पार्टी सभी निर्वाचन क्षेत्रों की समीक्षा करेगी, लेकिन इसका महाविकास आघाडी गठबंधन के सीट आवंटन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पटोले ने कहा कि हमारा लक्ष्य भाजपा को हराना है और इस बैठक के बाद माविआ की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले तिलक भवन में शुरू हुए दो दिवसीय बैठक की पृष्ठभूमि में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली है। 30 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के महत्वपूर्ण प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त हो गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है और बीजेपी के खिलाफ लोगों में काफी असंतोष है। देश में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र 48 लोकसभा सीटों वाला दूसरा बड़ा राज्य है। इनमें से प्रत्येक सीट को जीतने के लिए क्या किया जा सकता है, इसकी रणनीति इस बैठक में तय की जाएगी। पटोले ने कहा कि सीटों के आबंटन में माविआ के घटक दल समाजवादी पार्टी, शेकपा, कम्युनिस्ट पार्टी को भी ध्यान में रखा जाएगा। उद्योगपति अदानी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की मुलाकात के संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए नाना पटोले ने कहा कि कौन किससे मिलता है इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। अगर अदानी , पवार के घर रहने जाते हैं तो भी हमारा इससे कोई संबंध नहीं है। वे किससे मिलते हैं, यह हमारे लिए अहम सवाल नहीं है। अदानी और कांग्रेस के बीच कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। लेकिन हमारे नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल अहम हैं। पीएम मोदी-अदानी के बीच क्या रिश्ता है? अदानी की कंपनी को 20 हजार करोड़ रुपये कहां से मिले? देश की कौन -कौन सी कंपनी अदानी को बेची जा रही हैं? कांग्रेस की मांग है कि अदानी घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराई जाए। मोदी सरकार इस मांग को क्यों नहीं मान रही है? चूंकि यह लोगों के पैसे का सवाल है, कांग्रेस सवाल करती रहेगी, अगर कोई व्यक्तिगत संबंध रखना चाहता है, तो यह उनका निजी फैसला है