Home समसमायिकीप्रसंगवश खरी-खरी :सुरेश मिश्र

खरी-खरी :सुरेश मिश्र

by zadmin

कितना भी कर लीजिए,इनका आप इलाज
फिर भी बाबू रहेगा,पप्पू -सा अंदाज
पप्पू-सा अंदाज, विदेशों में डोलेगा
उगलेगा बिष घोल,सखा जब भी बोलेगा
कह सुरेश हिय जमा जहर सागर के जितना
यार मुहब्बत का बाजार चलेगा कितना

सुरेश मिश्र

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