Home मुंबई-अन्य केंद्र सरकार के पास महंगाई और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई नीति नहीं है – कांग्रेस

केंद्र सरकार के पास महंगाई और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई नीति नहीं है – कांग्रेस

by zadmin

केंद्र सरकार के पास महंगाई और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई नीति नहीं है – कांग्रेस 

मुंबई,(@nirbhaypathik);केंद्र की भाजपा सरकार के 9 साल पूरे हो गए हैं और इन 9 सालों में यह सरकार सभी मोर्चों पर पूरी तरह विफल रही है। केंद्र की मोदी सरकार पर यह जोरदार हमला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने किया है। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस ने देशभर के प्रमुख शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सरकार की विफलताओं को पूरा  ब्यौरा पेश किया। इसके तहत पी. चिदंबरम ने सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्यालय तिलक भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस देश में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि पूरा कामकाज संविधान के मुताबिक चल रहा है या नहीं।  एक और चिंता केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बढ़ती खाई को लेकर है। राज्य सरकारों की कार्यकारी शक्तियों में कटौती की गई है। गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल वायसराय की तरह काम कर रहे हैं। संसदीय नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। केंद्र सरकार, जांच एजेंसियों का  इस्तेमाल गैर भाजपा शासित सरकार को झूठे मामले में फंसा कर उसे अस्थिर करने में कर रही है। जो संस्थाएं लोकतंत्र के स्वतंत्र स्तंभ हैं, उन्हें केंद्र सरकार ने कमजोर कर दिया है। चिदंबरम  ने कहा कि लोकतंत्र का यह वटवृक्ष मोदी सरकार के दौरान खोखला हो गया है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार रक्षा और विदेश नीतियों पर भी विफल रही है। पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से हमारे संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि चीनी सेना ने भारतीय कब्जे वाले क्षेत्र का अतिक्रमण किया है और अभी भी अपना कब्जा बढ़ाने का प्रयास कर रही है। चीन की सरकार सीमा पर अपने रक्षा ढांचे का विस्तार कर रहा है साथ ही सीमा पर नई बस्तियां भी बना रहा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से वहां भारतीय गश्त कम हो गई है। दूसरी ओर, चीन-पाकिस्तान गठबंधन मजबूत हुआ है और सुरक्षा का खतरा पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वी सीमाओं के हर हिस्से में फैल गया है। इसके बावजूद संसद को अंधेरे में रखा गया है। पिछले तीन सालों में देश के सुरक्षा खतरों पर संसद में चर्चा नहीं होने दी गई है। मणिपुर में भयावह स्थिति और वहां 75 से अधिक मौतों के बावजूद प्रधानमंत्री की चुप्पी काफी काफी संदेहास्पद है । पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मणिपुर जल रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कर्नाटक चुनाव के प्रचार में व्यस्त थे। यह काफी हैरान करने वाला है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था की रफ़्तार बहुत धीमी हो गई है। उच्च बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई दर चिंता का बड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की वर्तमान दर 7.45 प्रतिशत है। चिदंबरम ने दो हजार रुपए की करेंसी को बंद करने के फैसले को लेकर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस करेंसी को शुरू करने के बाद अब बंद करने का फैसला बेवकूफी भरा है। चिदम्बरम ने साफ़ तौर से कहा कि यह नोट आम लोगों की जरूरत नहीं थी । 2000 के नोट को शुरू करने और वापस लेने के का फैसला भारत की मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा करता है । वर्तमान स्थिति में 2004 से 2009 के दौरान दर्ज की गई 9 प्रतिशत विकास दर का आंकड़ा बहुत दूर है।

 चिदम्बरम ने कहा कि यह कोई नहीं मानता है कि एनडीए सरकार, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उच्च संवैधानिक आदर्शों पर खरा उतरता है। सामाजिक कलह, साम्प्रदायिक संघर्ष, असहिष्णुता, घृणा, भय हमारे जीवन को प्रतिदिन नष्ट कर रहे हैं। डराने-धमकाने और झूठे मुकदमों के माध्यम से नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रभावित किया जा रहा है। प्राकृतिक न्याय की जगह बुलडोजर न्याय ने ले ली है।

 पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि लगातार बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी के कारण लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कोविड-प्रभावित अवधि के दौरान और उसके बाद भी, देश में कुछ लोगों की संपत्ति तेजी से बढ़ रही है। अति अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती असमानता ने एनडीए सरकार की आर्थिक नीतियों की पोल खोल दी है। वैश्विक गरीबी सूचकांक के अनुसार देश के करीब 22.4 करोड़ लोग गरीब हैं। चिदंबरम ने यह भी कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि प्रधानमंत्री, एनडीए सरकार और भाजपा की राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को लेकर उनकी समझ कितनी  गलत है।

इस पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे, प्रवक्ता डॉ. राजू वाघमारे, मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरणजीत सप्रा, प्रदेश महासचिव राजन भोसले, राजेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष चारूलता टोकस आदि मौजूद रहे ।

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