Home मुंबई-अन्य हज यात्रियों के कोटा और यात्रा खर्च में बदलाव न करें – कांग्रेस

हज यात्रियों के कोटा और यात्रा खर्च में बदलाव न करें – कांग्रेस

by zadmin

हज यात्रियों के कोटा और यात्रा खर्च में बदलाव न करें – कांग्रेस 

 मुंबई,@।  केंद्र की मोदी सरकार के फैसले से हज की यात्रा पर जाने आम मुस्लिम परिवारों का सपना चकनाचूर हो गया है। हज यात्रियों को पहले से जो रियायत मिल रही थी, उसे खत्म कर दिया गया है। भाजपा सरकार ने हज यात्रियों का कोटा कम कर दिया और यात्रा का खर्चा बढ़ा दिया। प्रदेश के पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर हज यात्रियों के पुराने कोटा को फिर से बहाल करने के अलावा बढ़ी हुई फ़ीस को कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बारे में बिना किसी भेदभाव के मुस्लिम भाइयों को राहत देनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में नसीम खान ने कहा है कि सेंट्रल हज कमेटी के जरिए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हज यात्रा पर भेजा जाता है । 2019 तक सेंट्रल हज कमेटी के जरिए हर साल 2 लाख लोगों को हज के लिए भेजा जाता था और उनका खर्च 2.9 लाख रुपए से कम आता था, जिसमें कुर्बानी का खर्च भी शामिल है और इस रकम में से 2100 सऊदी रियाल यानी 45 हजार रुपए  वापस और एक तीर्थयात्री को एक वीआईपी बैग दिए जाते थे लेकिन साल 2023 से सेंट्रल हज कमेटी ने हज यात्रियों का कोटा घटाकर 1.5 लाख कर दिया है और कुर्बानी की रकम को छोड़कर फीस 3.7 लाख रुपए कर दी है। मुंबई से जाने वाले हज यात्रियों की अपेक्षा नागपुर और औरंगाबाद से जाने वालों को 70 से 80 हजार रुपए अधिक चुकाने पड़ते हैं। नसीम खान  का कहना है कि यह यह बढ़ी हुई लागत अनुचित है और मुस्लिम समुदाय की आम जनता को आहत करती है।

नसीम खान ने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी के पदाधिकारियों से जब इस बारे में चर्चा की गई तो कहा गया कि इस कमेटी के पास अधिकार नहीं है। इस बारे में कोई भी फैसला केंद्र सरकार ले सकती है। मुस्लिम समुदाय के लोगों की यह भावना होती है कि एक बार हज करने से उनका जीवन सार्थक हो जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम संप्रदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिर से पुराने कोटे और पुरानी फीस को बहाल करना चाहिए। 

पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पुराने कोटे में कमी और फ़ीस में बढ़ोतरी के बाद आम हज यात्रियों को निजी कंपनियां लूट रही हैं। उन्होंने कहा कि हवाई किराया भी अधिक वसूला जा रहा है। इसके पीछे एक बड़ा रैकेट है, जिसके माध्यम से हज यात्रियों को ठगा जा रहा है।

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