बालासाहेब योद्धाऔर उद्धव ठाकरे रोने वाले नेता – प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले
विशेष संवाददाता
मुंबई @nirbhaypathik: हिंदू दिलों के बादशाह बालासाहेब ठाकरे एक योद्धा थे, जबकि उद्धव ठाकरे एक रोते हुए नेता हैं। वे अब राडोबा हैं। दरअसल, उद्धव ठाकरे खुद युद्ध के मैदान से भाग गए थे, यह कहना है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का । वे शुक्रवार को मीडिया से सोलापुर में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी के हाथ से पार्टी चली गयी तो भी वह नहीं सुधर रहे हैं ।
बावनकुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे के मुंह से नैतिकता शब्द अच्छा नहीं लगता। उन्होंने 2019 में नैतिकता छोड़ दी थी। उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जनसभा में जब कहा गया कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे तब उन्होंने मंजूर किया। हालांकि, चुनाव के बाद, वह कांग्रेस-राष्ट्रवादी विचारधारा के करीब चले गए। इसलिए सबसे पहले उन्होंने नैतिकता को छोड़ दिया। बावनकुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी प्रमुख के रूप में विफल रहे। वह महाराष्ट्र को नेतृत्व नहीं दे सके, वह पार्टी को नेतृत्व नहीं दे सके। वे अब कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की संवैधानिक सरकार तब बनी जब उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। उद्धव ठाकरे बार -बार असंवैधानिक सरकार होने का दावा कर रहे हैं इसके लिए उनके खिलाफ कोर्ट जाना पड़ेगा ऐसी चेतवानी बावनकुले ने दी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार करना यह पूरी तरह एकनाथ शिंदे का अधिकार है। महाराष्ट्र में शिंदे – फडणवीस सरकार , डबल इंजन सरकार निश्चित राज्य को प्रगति के शिखर पर ले जाएगी यह दवा भी बावनकुले ने किया। उद्धव ठाकरे के खून में विकास का कोई विजन नहीं है.शरद पवार को खुद लगता है कि उनको महाविकास अघाड़ी का नेता चुनने का फैसला गलत था। बावनकुले ने कहा कि विकास कार्यों पर मतदान होगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 60,000 लोगों को भाजपा में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। जहां हमारे विधायक नहीं हैं, वहां हम प्रयास करेंगे कि हमारा विधायक चुना जाए और उसके लिए हम सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। हमारे द्वारा किए गए विकास कार्यों पर हमें वोट मिलेगा। बावनकुले ने यह भी दावा किया कि किसी की आलोचना करके वोट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।