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ठाणे में नालों की सफाई में पुनः अनियमितता,बिना वर्क ऑर्डर के फिर शुरू हुई सफाई

by zadmin

ठाणे में नालों की सफाई में पुनः अनियमितता,बिना वर्क ऑर्डर के फिर शुरू हुई सफाई,

कांग्रेस नेता मनोज शिंदे ने उठाया सवाल 
आनंदकुमार पाण्डेय,

ठाणे(@nirbhaypathik): ठाणे मनपा क्षेत्र के अंतर्गत आने वालों नालों की सफाई निजी ठेकेदारों के मार्फ़त शरू की गई। ठाणे में औसतन सिर्फ 35 फीसदी नालों की सफाई ही अब तक हो पाई है। मुंबई व नवी मुंबई सहित आसपास के मनपा क्षेत्रों में स्थित नालों की 50 फीसदी सफाई पूरी हो चुकी जबकि ठाणे मनपा इस बार भी पिछली हुई है। अब मामला सामने आया है कि मनपा प्रशासन ने इस बार भी बिना वर्क ऑर्डर के ठेकेदारों को नाला सफाई का काम दे डाला है। 
इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनोज शिंदे ने आपत्ति जताई है। शिंदे ने कहा कि यदि नाला सफाई के दौरान किसी कामगार की मौत हो जताई है या फिर कोई बड़ा हादसा होता है इसकी जवाबदारी कौन लेगा। प्रशासन द्वारा इस प्रकार की लापरवाही नियम बाह्य है। साथ ही उन्होंने ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। इस संदर्भ में मनपा के घनकचरा विभाग के उपायुक्त तुषार पावर का कहना है कि इस साल भी नाला सफाई कार्यों का वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया है। लेकिन सभी ठेकेदारों को लेटर ऑफ इंटेंशन अर्थात काम करने की अनुमति दी है। 
ठाणे मनपा क्षेत्र में पार्टी मानसूनी नालों की सफाई की शुरुआत अप्रैल माह के पहले सप्ताह से हो जाया करता था लेकिन इस वर्ष टेंडर प्रक्रिया में देरी और ठेकेदारों का चयन देर से होने के कारण 29 अप्रैल से नाला सफाई की शुरुआत की गई। मनपा घनकचरा विभाग ने आनन-फानन में टेंडर प्रक्रिया पूरी की। लेकिन प्रशासन इस बार भी नाला सफाई करने वाले ठेकेदारों को वर्क औसर ही नहीं दिया। नालों की सफाई के कार्यों को 9 भागों में बांटा गया है और 9 कार्यों के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। मनपा की सीमा में 125 छोटे नाले व 4 बड़े नाले, 2 रेलवे पुलिया की सफाई की जा रही है। इन नालों की लंबाई 300 किमी है। नालों की सफाई के लिए नौ प्रभाग समिति के अंतर्गत नौ कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और इसके अनुसार इन कार्यों को प्रत्येक स्थान पर विभिन्न संस्थाओं को वितरित किया गया है। इस पर 9 करोड़ 96 लाख 97 हजार 942 रुपये खर्च किये जा रहे है।   
हाल में ही मनसे के विधि विभाग के अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर ने प्रशासन पर आरोप लगाया था कि साल 2022-23 में नाला सफाई का 8 करोड़ का टेंडर निकाला गया था। लेकिन काम का वर्कआर्डर आज तक जारी नहीं हुआ और ठेकेदारों से काम करा लिया गया। 
महा ई-टेंडर की वेबसाइट पर एक साल बीतने के बावजूद काम का वर्क आर्डर लोड नहीं किया गया है। महिंद्रकर ने आरोप था कि निविदा शर्त के मुताबिक न ही नाले से निकले कीचड़ का ब्यौरा, कीचड़ ढोनेवाले वाहन की जानकारी, फोटो, वीडियो रिकार्डिंग, मजदूरों की संख्या की सूची, उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी मनपा के घनकचरा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। इससे साफ है कि नाला सफाई में करोड़ों की गड़बड़ी हुई है। इसके बावजूद मनपा की आँख नहीं खुली और अब एक बार फिर बिना वर्क ऑर्डर के काम शुरू किया गया है।  ऐसे में अब सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर किस नियम के तहत ठेकेदारों से काम करने को कहा गया। पिछले साल भी कुछ ऐसा ही हुआ था। लेकिन यह बात भी सामने आई है कि कुछ ठेकेदारों को नालों की सफाई का काम पूरा होने के एक साल बाद भी बिल नहीं मिला है. इससे आपके बिल मिलेंगे या नहीं? इसको लेकर ठेकेदार भी परेशान हैं।

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