ठाणे में शिवसेना (शिंदे) और भाजपा की कलह उजागर
आनंदकुमार पाण्डेय,
ठाणे@nirbhay pathik : ठाणे में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच आपसी द्वन्द लगातार जारी है। इन दोनों दलों की भले ही राज्य में संयुक्त सरकार हो, ठाणे में इनके बीच का मतभेद लगातार उजागर होता रहा है। इसी तरह की एक और घटना में दोनों दलों के बीच एक और विवाद उठ खड़ा हुआ। यह विवाद पहले पुलिस तक पहुंचा और फिर अदालत के दरवाजे तक चला गया। मामला ठाणे पूर्व स्थित कोपरी क्षेत्र की है। कोपरी के आनंद नगर परिसर में प्रमोद चव्हाण और गणेश दलवी भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कुछ दिन पूर्व भाजपा कार्यकर्ता प्रमोद चव्हाण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक छोटा लेख लिखा था। यह लेख शिवसेना (शिंदे) के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नागवार लगा। शिवसेना पदाधिकारियों का कहना था कि यह लेख शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता नरेश म्हस्के के विरुद्ध लिखा गया था।
जातिगत गाली देने का आरोप
इस लेख के बारे में जानकारी लेने व अपना आक्षेप जताने के लिए शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता नरेश म्हस्के के कुछ कार्यकर्ता प्रमोद चव्हाण के कार्यालय गए थे। आरोप है कि उस समय लेख पर स्पष्टीकरण देने के बदले प्रमोद चव्हाण और गणेश दलवी ने कथित तौर पर नरेश म्हस्के के कार्यकर्ताओं को जातिसूचक अपशब्द कहने लगे। इसके बाद नरेश म्हस्के के कार्यकर्ता वहां से लौट आये।
दर्ज हुई शिकायत, मिली जमानत
आखिरकार नरेश म्हस्के के कार्यकर्ताओं ने कोपरी पुलिस स्टेशन में जाकर प्रमोद चव्हाण और गणेश दलवी के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध अत्याचार अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कर लिया। शिकायत दर्ज होने के बाद कानूनी प्रक्रियाओं के तहत यह मामला ठाणे की अदालत में पहुंचा। अदालत में चव्हाण और दलवी की तरफ से एडवोकेट सतीश मिस्त्री ने जमानत के लिए आवेदन दिया जहाँ से दोनों को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर छोड़ दिया।
दोनों दलों में तकरार जारी
राज्य में शिंदे और फडणवीस की सरकार बनने के कुछ समय बाद से ही भाजपा की ठाणे इकाई और शिवसेना (शिंदे) की बीच सबकुछ ठीक नहीं है। इस प्रकरण से पहले भी दोनों दलों के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच झगड़े यहाँ तक कि खूनी मारपीट तक हो चुकी है। कई झगड़ों में सुलह कराने के लिए दोनों दलों के बड़े नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों को बीचबचाव करना पड़ा है।