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‘मन की बात’ के शतकीय कार्यक्रम के गवाह बनो-पियुष गोयल

by zadmin

‘मन की बात’ के शतकीय कार्यक्रम के गवाह बनो-केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल की अपील
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से जनसंवाद, जनभागीदारी का अनोखा प्रयोग किया है। ‘मन की बात’ के माध्यम से विकास की प्रक्रिया में सामान्य लोगों की भागीदारी बढ़ाने के साथ ही देशहित के रचनात्मक काम करने वालों की पीठ थपथपाते  हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न रंगी भाषिक, प्रादेशिक संस्कृति का संगम साधा है। ऐसे ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां भाग 30 अप्रैल को प्रसारित होने वाला है। इस ऐतिहासिक क्षण का सभी को गवाह बनना चाहिए।  यह अपील केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल ने शनिवार को की। वे मुंबई भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक प्रसाद लाड, विधायक श्रीकांत भारतीय, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये, मीडिया विभाग के प्रमुख नवनाथ बन सहित कई लोग उपस्थित थे।
मंत्री गोयल ने कहा कि 3 अक्तूबर 2014 से 30 एप्रिल 2023 लगातार 100 महीने प्रत्येक महीने के एक रविवार प्रधानमंत्री मोदी आकाशवाणी से ‘मन की बात’ के द्वारा जनता से संवाद स्थापित करते आ रहे हैं। ‘मन की बात’ के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी सामान्य जनता की उम्मीद, सूचना ध्यानपूर्वक सुनते हैं। किसी एक सामान्य व्यक्ति, संस्था, गांव द्वारा किये गये असामान्य कार्य की प्रशंसा कर सभी को प्रेरित करने का अनोखा काम प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ के माध्यम से करते हैं। कोरोना महामारी के वक्त सामान्य लोगों को धैर्य देने, कोविड योद्धा को प्रोत्साहित करने, टीकाकरण की अपील करने जैसे कई  काम ‘मन की बात’ के माध्यम से मोदी ने की। इस कार्यक्रम को राजनीति से पूरी तरह से अलग रखा जाता है। शुद्ध रूप से गैरराजनीतिक स्वरूप के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत, इतिहास के साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्र में होने वाली प्रगति, विकास के दृश्य दुनिया के सामने रखकर प्रधानमंत्री ने देश वासियों को प्रेरित किया है। यह जानकारी भी गोयल ने दी।
आज आधुनिक तकनीक के युग में रेडियो के माध्यम से उम्र, धर्म, पंथ,भाषा, प्रांत इन सभी की दीवार को तोड़ते हुए समाज के सभी वर्गों के साथ ‘मन की बात’ के माध्यम से संवाद स्थापित करने की संकल्पना अभूतपूर्व है। इन शब्द में गोयल ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की प्रशंसा की। उन्होने कहा कि संवाद, संदेश, संपर्क के प्रभावी साधन के साथ-साथ करोड़ों भारतवासियों की भावना व्यक्त करने का एकमात्र मंच यानी ‘मन की बात’ कार्यक्रम है। देशहित के लिये सदैव कार्यरत रहने वाले इस नेता ने आत्मनिर्भर, विकसित भारत का दर्शन पूरी दुनिया को कराया है।

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