नागरिकों को न्याय देने के लिए संसदीय उपकरणों का उचित उपयोग करना चाहिए – उपसभापति डॉ गोर्हे
विशेष संवाददाता
मुंबई,( निर्भय पथिक):नागरिकों की समस्याओं की समाधान के मद्देनजर लिए जनप्रतिनिधियों को सत्र में विभिन्न संसदीय उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। जिससे नागरिकों को न्याय देने में सहयोग मिलेगा और सामाजिक कार्यों और राजनीति में मोड़ दिया जा सकता है। मंगलवार 25 अप्रैल को यह प्रतिपादन विधान परिषद की उपसभापति डॉ नीलम गोर्हे ने किया। विधान मंडल में विभिन्न संसदीय शस्त्र , समिति पद्धति , विधेयक इस पर विधान परिषद सदस्यों के लिए कार्य सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उप सभापति डॉ नीलम गोर्हे बोल रही थी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, अनिल परब , विक्रम काले, विलास पोतनीस, किरण सरनाईक, सुधाकर आडबाले, अरुण लाड, ज्ञानेश्वर म्हात्रे , वजहात मिर्जा , अभिजीत वंजारी ,अमशा पडवी ,धीरज लिंगाड़े, उमा खापरे , मनिषा कायंदे , विधान मंडल के प्रमुख सचिव राजेंद्र भागवत, सहसचिव शिवदर्शन साठे, उप सचिव ऋतुराज कुडतरकर मौजूद थे। इसमें महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय के सेवानिवृत्त प्रधान सचिव डॉ अनंत कलसे, महाराष्ट्र विधान मंडल सचिवालय के सेवा निवृत्त सहसचिव डॉ विलास आठवले , महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय के सेवा निवृत्त प्रधान सचिव विलास पाटिल के व्यख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के सत्र की शुरुआत करते हुए डॉ नीलम गोर्हे ने कहा कि प्रशिक्षण में प्रवीणता के उद्देश्य से इस सत्र का आयोजन किया गया है । जनता विधायक का चुनाव तभी करती है जब वह जनता का अच्छी तरह प्रतिनिधित्व करते हैं। विधान परिषद में अपनी वास्तविकता महत्वपूर्ण है और सत्र के दौरान नागरिकों की समस्याओं को ठीक तरह से प्रस्तुत की जरुरत होती है। ताकि समाज में भी इसका असर पड़े।.समाज में होनेवाली अनुचित या अन्यायपूर्ण घटनाओं पर गौर करते हुए सवाल-जवाब ,ध्यानाकर्षण , आधे घंटे की चर्चा ,अल्प सूचना , भाषण जैसे विभिन्न शस्त्रों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करके संबंधित घटना को न्याय दिलाने का प्रयास किया जा सकता है। डॉ गोर्हे ने कहा कि नीतियों को लागू करने के लिए समाज को पहल करनी चाहिए इसके लिए जन प्रतिनिधियों को प्रयास करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि कार्य समिति की बैठक में क्या हुआ और क्या काम होगा इसकी जानकारी सदस्यों को दी जाएगी ताकि सदस्यों को उसमें होनेवाले मुद्दों की जानकारी हो सके और वे इस पर चर्चा कर सकें। इसके साथ ही विधेयकों को कैसे पढ़ा जाये इस पर भी डॉ गोर्हे ने जानकारी दी । इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि डॉ गोर्हे का विधायकों को निरंतर अपडेट करने का प्रयास रहता है। इस आयोजन के लिए उन्होंने उपसभापति गोर्हे को बधाई दी और कहा कि विधान मंडल के कामकाज के बारे किताब सबको पढ़नी चाहिए। डॉ नार्वेकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद सत्र का कामकाज करते समय विधानमंडल कामकाज नियमावली पुस्तक उनके लिए उपयोगी हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन वि. स. पागे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र महाराष्ट्र विधिमंडळ सचिवालय के निदेशक निलेश मदाने ने किया।