गुमला (झारखंड), झारखंड का अत्यंत गरीबी और नक्सली घुसपैठ के लिए पहचाने जाने वाला एक जिला अब एक प्रकार के मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों को लेकर एक मूक क्रांति का गवाह बन रहा है, जो कुपोषण को रोकने में मदद कर सकता है।.
एक युवा नौकरशाह सुशांत गौरव की इस पहल ने इस वन आच्छादित जिले में एक नए कृषि-उद्योग को बढ़ावा दिया है। गौरव कहते हैं कि वह गुमला को पूर्वी भारत में रागी (मडुआ) की राजधानी बनाना चाहते हैं।.