Home मुंबई-अन्य रिफाइनरी का विरोध करने की सुपारी किसने दी – फडणवीस

रिफाइनरी का विरोध करने की सुपारी किसने दी – फडणवीस

by zadmin

रिफाइनरी का विरोध करने की सुपारी किसने दी   – फडणवीस

 विशेष संवाददाता 

मुंबई (निर्भय पथिक):महाराष्ट्र के बारसु  में रिफाइनरी परियोजना का  मामला गरमा गया  है। मंगलवार 25 अप्रैल से काम शुरू शुरू हो गया।  वहां पर कुछ लोग इस रिफाइनरी का विरोध करते हुए आंदोलन किये हैं  हालांकि  वहां रिफाइनरी की ड्रिलिंग शुरू की गयी है।  इस मामले पर उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा है कि हम इस मामले का हल बातचीत से निकाल सकते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते।  उन्होंने कहा कि यह रिफाइनरी यहाँ लगाने के लिए तात्कालीन  मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से साल 2022 में पत्र लिखकर मांग की थी। राकांपा  अध्यक्ष  शरद पवार ने उद्योग मंत्री उदय सामंत से बात की। वहीं  कर्नाटक के विजयपुरा  में  विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए गए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस  से इस बारे में  मीडिया ने सवाल पूछा जिसके जवाब में बोलते कहा कि पहले आरे , फिर समृद्धि महामार्ग , बीच में किसी  बंदरगाह का और अब रिफाइनरी का विरोध किया। हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शनकारियों से चर्चा करेंगें लेकिन उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे  जो सिर्फ राजनीति के लिए विरोध कर रहे हैं।  उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने सवाल पूछा की इस विरोध के लिए किसने सुपारी दी है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस रिफाइनरी को बनाने के लिए केंद्र सरकार की तीन कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं।  उन्होंने कहा कि इस रिफाइनरी का शुरू से विरोध किया जा रहा है। सत्ता  में आने के बाद उन्होंने  इस रिफाइनरी को बारसू में करने का निश्चय किया और  उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेजा। अब काम शुरू हुआ तो  पुनः विरोध ,हम विरोधियों को सम्मान करते हैं । हम उनसे चर्चा करने और उनकी गलतफहमियां दूर करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगें जो राजनीति के लिए विरोध कर रहे हैं।  ऐसी ही रिफाइनरी जामनगर में है  वहां से आम का निर्यात होता है। अतः यह सिद्ध हो गया है कि रिफाइनरी से कोई हानि नहीं होती है। यह एक ग्रीन रिफायनरी है इसलिए पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन झूठ बोलकर विपक्ष महाराष्ट्र का और  कितना  बड़ा नुकसान करेगा।  वहां उस जगह पर एक भी पेड़ नहीं है।  हमने यह भी कहा है कि हम कातल  शिल्प की साइट को छोड़ देंगें।  कोई राजनीति  के लिए विरोध कर रहा है तो कोई बाहरी लोगों को  साथ लेकर विरोध कर रहा है। फिर हमें यह सवाल पूछना पड़ेगा कि  तुम किसकी सुपारी लेकर विरोध कर रहे हो। 

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