मराठा आरक्षण मामला – राज्य सरकार क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेगी
संजीव शुक्ल
मुंबई(निर्भय पथिक) :मराठा आरक्षण के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है, तो भी मराठा आरक्षण के दरवाजे अभी भी बंद नहीं हुए हैं। राज्य सरकार यह आरक्षण हासिल करके देने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए और अधिक मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। मराठा आरक्षण के बारे में महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में शीघ्रता से क्यूरेटिव पिटीशन ( उपचारात्मक याचिका ) दायर करेगी ऐसा निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हुई 21 अप्रैल को सह्याद्रि में हुई बैठक में ली गयी। मराठा समाज को को पिछड़ा साबित करने के लिए नया आयोग गठित करके विस्तृत एवं शास्त्रीय सर्वेक्षण पुनः किया जाये यह भी तय किया गया। एडवोकेट जनरल को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री ने शीघ्रता से क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के लिए कहा। मराठा आरक्षण के बारे में मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष उच्च व तंत्र शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, बंदरगाह मंत्री दादा भुसे, राज्य उत्पादन शुल्क मंत्री शम्भू राजे देसाई,उद्योग मंत्री उदय सामंत,अन्न आपूर्ति मंत्री रविंद्र चव्हाण,विधायक प्रवीण दरेकर, पूर्व न्यायाधीश एम जी गायकवाड़, महाधिवक्ता बिरेन्द्र सराफ, एड. विजय थोरात, अन्ना साहब पाटिल,आर्थिक पिछड़ा विकास महामंडल के अध्यक्ष नरेंद्र पाटिल की बैठक हुई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि क्यूरेटिव याचिका दायर करने की कार्यवाही तत्काल की जाये। इसके अतिरिक्त मराठा समाज को पिछड़ा साबित करने के लिए विस्तृत सर्वे करना पड़ेगा। यह सर्वेक्षण करते समय नियुक्त की गयी संस्था भी निष्पक्ष,सक्षम होनी चाहिए। इस संस्था को सभी प्रकार की सुविधा,मानव संसाधन, प्रशासन का सहयोग दिया जाये। इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे ने बताया कि मराठा समाज के 3100 उम्मीदवारों को राज्य सरकार ने अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति की है। सारथी के माध्यम से समाज के लड़कों को विविध योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
मंत्री शंभू राजे देसाई ने पत्रकारों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो पुनर्विचार याचिका खारिज की है वह चैम्बर में किया है यह ओपन कोर्ट में नहीं किया इसलिए राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला। मंत्री देसाई ने कहा कि क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने पर ओपन कोर्ट में हम वह कह सकते हैं जो नहीं कह सके। उन्होंने कहा मराठा आरक्षण देना चाहिए, कोर्ट में टिकना चाहिए और देंगें। और राज्य सरकार का पक्ष रखने का मौका बेकार नहीं जाने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के बारे में बहुत गंभीर है। इसमें त्रुटि नहीं रहे इसके लिए ध्यान देगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि मराठा आरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण बैठक हुई। महाराष्ट्र सरकार आरक्षण देने को कटिबद्ध है। अन्य समाज को जो मिलता है वह मराठा समाज को भी मिले। मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक प्रति सप्ताह लेने का निर्णय बैठक में लिया गया। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगें। यह सरकार मराठा समाज के पीछे खड़ी है।
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